लॉकडाउन-3 में आगरा विकास मंच ने किया सबसे बड़ा काम

NATIONAL REGIONAL

-थोक में खाद्यान्न का भंडार, 30 हजार पैकेट हो रहे तैयार

-पहले दिन थाना मदनमोहन गेट को 1000 पैकेट उपलब्ध कराए

Agra (Uttar Pradesh, India)। अल्ताफ़ हुसैन हाली का एक शेर है- ‘फ़रिश्ते से बढ़कर है इंसान बनना, मगर इसमें लगती है मेहनत ज़ियादा।‘ इस शेर को सार्थक कर रहा है आगरा विकास मंच। लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों के सामने रोटी का संकट है। लॉकडाउन-3 में भी समाजसेवी नहीं हारे हैं। वे लगातार भोजन वितरण कर रहे हैं, लेकिन स्थाई समाधान नहीं। मंच ने प्रति व्यक्ति एक माह का खाद्यान्न देने की तैयारी की है। ज्यादा मेहनत करके खाद्यान्न के 30 हजार पैकेट बनाए जा रहे हैं, जो लागूत मूल्य पर अन्य समाजसेवी संस्थाओं को दिए जाएंगे, ताकि पुलिस-प्रशासन के माध्यम से वितरित हो सकें।
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खाद्यान्न पैकेट में क्या

आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन से हमने प्रतिदिन भोजन के 1000 पैकेट पुलिस के माध्यम से वितरित किए। फीडबैक मिला कि एक ही व्यक्ति को कई जगह से भोजन का पैकेट मिल रहा है। अन्न बर्बाद हो रहा है। यह भी पता चला कि लोग अपनी पसंद का भोजन करना चाहते हैं। इसका समाधान ये निकाला कि लोगों को भोजन पकाने के लिए खाद्यान्न दिया जाए। फिर थोक विक्रेताओं से बातचीत की। रेट को लेकर खूब घिस-घिस हुई। कई ट्रक खाद्यान्न खरीदा गया। पुरुषोत्तम ग्रीन, विजय नगर में भंडारित किया गया। यहीं पर संजू अग्रवाल की देखरेख में खाद्यान्न के 30 हजार पैकेट बनाए जा रहे हैं। पैकेट में आटा, आलू, नमक, हल्दी, मिर्च, तेल आदि हैं।

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पुलिस को मिलेगी फुरसत

संयोजक अरविन्द शर्मा गुड्डू ने बताया कि इस समय पुलिस का सारा समय भोजन वितरण में निकला जा रहा है। लोग फोन करके भी भोजन की मांग करते हैं। पुलिस पूरे दिन दौड़ती रहती है। जब एक व्यक्ति को एक माह के लिए खाद्यान्न का पैकेट मिल जाएगा तो बहुत राहत होगी। लॉकडाउन को लागू कराने और खुलने पर व्यवस्थाएं बनाने पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा। दूसरी बात यह है कि खाद्यान्न पैकेट मिलने के बाद रोज-रोज हाथ नहीं पसारना पड़ेगा। स्वाभिमान सुरक्षित रहेगा। आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन ने आशा जताई है कि समाजसेवा में रत अन्य संस्थाएं भी इस अभियान को गति देंगी। ड्यूटी पर तैनात कोरोना योद्धा और प्रवासियों को भोजन के पैकेट तो देना ठीक है, लेकिन अन्य को खाद्यान्न ही देना चाहिए। जिसके यहां महीने भर का खाद्यान्न है तो वह अपना दिमाग भोजन की जुगाड़ के स्थान पर काम की जुगाड़ में लगा सकता है। आगे जाकर लॉकडाउन खुलना ही है। शुरू में दो-चार दिन काम नहीं मिला तो भी यह चिन्ता नहीं रहेगी कि शाम को चूल्हा कैसे चलेगा।

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एक व्यक्ति को एक पैकेट

भोजन वितरण के उद्देश्य से वॉट्सऐप ग्रुप कोविड-19 चला रहे पुलिस अधिकारी चौधरी विकास ने समाजसेवियों के सहयोग से एक ऐप तैयार कराया है। इस ऐप में उस व्यक्ति का आधार नम्बर डाला जाएगा, जिसे खाद्यान्न का पैकेट दिया गया है, ताकि कोई अनुचित रूप से भंडारण न कर सके। एक माह बाद व्यक्ति दोबारा खाद्यान्न का पैकट ले सकेगा। इस तरह से वितरण की व्यवस्था निर्धारित की गई है।

पुलिस को दिए 1000 पैकेट

प्रवक्ता संदेश जैन और सुशील जैन ने बताया कि मंगलवार को थाना मदनमोहन गेट में खद्यान्न के 1000 पैकेट उपलब्ध कराए गए। पुलिस ने आगरा विकास मंच की नई पहल को सराहा। पुलिस वालों ने भी कहा कि सारा समय भोजन वितरण में जा रहा था। मंच की नई पहल से कुछ राहत मिलेगी। मौके पर मौजूद एसीएम-3 वीरेन्द्र कुमार मित्तल ने बताया कि पुलिस-प्रशासन ने जरूरतमंदों की एक सूची बनाई है, जिसके अनुसार खाद्यान्न के पैकेट दिए जाएंगे। इस अवसर पर अजय अग्रवाल (अज्जू भाई), निखिल, विमल जैन, संजय अग्रवाल, धर्मेन्द्र मूथा, योगेश मूथा, ध्रुव जैन की उपस्थिति रही।