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लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा यूपी में 80 सीटें क्यों नहीं जीत सकी, इस घटनाक्रम से समझिए

Crime लेख

विपक्ष में थे तो पुलिस की छाती पर चढ़कर काम करा लेते थे, अब बीजेपी कार्यकर्ता से थूक कर चटवाया जा रहा है

सांसद-विधायक के पास जाओ तो जवाब मिलता है कि हमारी कोई सुनता नहीं, चुप होकर बैठ गए हैं कार्यकर्ता

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में 36 पर समाजवादी पार्टी, 33 पर बीजेपी, 6 पर कांग्रेस, 2 पर आरएलडी, एक पर आजाद समाज पार्टी और एक पर अपना दल ने जीत दर्ज की है। अपना दल और आरएलडी को भाजपा को समर्थन था। 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 2024 के चुनाव में सपा की 32 सीटें बढ़ी हैं, भाजपा की 29 सीटें कम हुई हैं और कांग्रेस की 5 सीटें बढ़ी हैं। यह हाल तब है जबकि भाजपा ने 80 में 80 सीटें जीतने का दावा किया था। जैसा कि भाजपा नेता कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज है, भ्रष्टाचार नहीं है, रामराज्य आ गया है लोकसभा की 29 सीटें कम क्यों हुईं, इसका जवाब इस घटनाक्रम से मिल जाएगा।

25 जुलाई, 2024 को रात्रि 8:30 बजे की बात है। कृष्ण कुमार राजपूत नामक भाजपा कार्यकर्ता कलाल खेरिया स्थित अपनी मार्केट के पास कुर्सी पर बैठे थे। इसी दौरान वहां तोरा चौकी प्रभारी दारोगा आकाश सिंह यादव टीम के साथ अतिक्रमण हटाने आए। दुकानदारों ने उनके कहते ही बोर्ड और अन्य सामान हटाना शुरू कर दिया। दारोगा कृष्ण कुमार के पास आए। गाली देते हुए वहां बैठने के बारे में पूछा। कृष्ण कुमार ने खुद का भाजपा कार्यकर्ता होने और मार्केट का मालिक होने की बात कही। यह सुनते ही दारोगा ने पार्टी का भूत उतारने की बात कहकर अभद्रता शुरू कर दी।

यह देख कृष्ण कुमार राजपूत के पिता भूपाल सिंह आए। उन्होंने बीच-बचाव का प्रयास किया तो दरोगा उनसे भी गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर पिता को भी पीटा। दारोगा का मन इतने से नहीं भरा। उसने कृष्ण कुमार राजपूत को पकड़ लिया। चौकी के पीछे बने हॉल में ले गया। वहां जमीन पर थूक कर चाटने को कहा गया। मना करने पर दरोगा तब तक मारता रहा जब तक उसने थूक चाट नहीं लिया।

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कृष्ण कुमार राजपूत का कहना है कि दारोगा ने बिना मुकदमा दर्ज किए छोड़ने के बदले कैमरे के सामने उससे अपने पक्ष में बयान लिया। छुड़ाने आए परिवार और क्षेत्रीय लोगों से अपने पक्ष में बयान लिखवा कर हस्ताक्षर कराए।

कृष्ण कुमार ने पुलिस आयुक्त जे. रवींद्र गौड़ से शिकायत की है। घटना के संबंध में साक्ष्य भी दिए हैं। उसने अपने शरीर पर चोटों के गहरे निशान भी दिखाए। मारपीट के सीसीटीवी और मोबाइल से बनाए वीडियो साक्ष्य के तौर पर पुलिस आयुक्त को दिए हैं। कार्रवाई की मांग की है।

डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय का कहना है कि घटना की जांच एसीपी ताजगंज सैय्यद अरीब अहमद को दी गई है। जांच रिपोर्ट में जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने फोन पर कहा कि जब पुलिस बीजेपी कार्यकर्ताओं से थूक तक चटवाएगी तो चुनाव में क्या हाल होगा, अंदाजा लगा सकते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें लग ही नहीं रहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार है। जनता को अधिकांश काम पुलिस और तहसील से पड़ते हैं। थानों और तहसीलों में भाजपा कार्यकर्ताओं की जनता के सामने ही बेइज्जती की जाती है।

भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब हमारी पार्टी सत्ता में है तो विरोध नहीं कर सकते वरना विपक्ष में थे तो पुलिस की छाती पर चढ़कर काम करा लेते थे। सांसद और विधायक के पास जाओ तो उनसे जवाब मिलता है कि कोई हमारी सुनता ही नहीं है, हम क्या करें। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता चुप होकर बैठ गया है। जिनके पास पद हैं और छपने का शौक है, वह भी फोटो खिंचाऊ कार्यक्रम में जा रहे हैं। पार्टी सोशल मीडिया पर चल रही है, जनता के बीच नहीं।

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Dr. Bhanu Pratap Singh