देवी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती के कार्यक्रम शुरू
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. “पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर का सम्पूर्ण जीवन प्रजा की भलाई और हिन्दुत्व की सुदृढता के लिए समर्पित रहा, परन्तु भारत की स्वतन्त्रता के उपरान्त लिखे गए इतिहास में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं किया गया।” समाजसेवी बबिता पाठक ने यह विचार संस्कार भारती, कला साधिका समिति समृद्धि द्वारा शिव मन्दिर, बैंक कालोनी, जयपुर हाउस, आगरा पर आयोजित देवी अहिल्याबाई होलकर की 300 वीं जयंती के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर वृक्षारोपण भी किया गया
अंजुली बंसल ने कहा कि अपनी प्रशासनिक क्षमताओं के कारण अहिल्याबाई ने तीस वर्षों तक सुशासन के साथ राज काज किया और कम लगान और कर लेकर भी अहिल्याबाई ने कल्याणकारी और जनहितकारी राज्यकार्य किया।
डॉ. अंशु अग्रवाल ने कहा कि अहिल्याबाई ने सभी युद्धों में विजय प्राप्त की और अबला नारी की धारणा को झूठा साबित किया। अहिल्याबाई ने देश के कोने-कोने में मुगल अक्रांताओं द्वारा नष्ट भ्रष्ट किए गए अनेकानेक हिन्दू धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण करवाया और उनकी पूर्णप्रतिष्ठा की।
इससे पूर्व अध्यक्ष अनीता भार्गव, पूर्व पार्षद सुनीता पाठक, बबिता पाठक, मनप्रीत कौर, नीता गर्ग, मीना बंसल, रेणु अग्रवाल तथा राधिका भारद्वाज ने लोकमाता अहिल्याबाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला का शुभारम्भ किया।

नीता गर्ग ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में वृंदावन में भी अहिल्याबाई ने मन्दिर और यमुना तट का पुनर्निर्माण करवाया था।
अनीता भार्गव ने कहा कि अहल्याबाई न्यायप्रिय थीं और दंड देने में बहुत कठोर थीं, इसीलिए उन्होंने अपने इकलौते पुत्र को भी रथ से कुचलकर मार देने का दण्ड घोषित किया था।
राधिका भारद्वाज ने कहा कि देवी अहिल्याबाई कुशल प्रशासक, कुशल युद्धनीतिकार थीं। उन्होंने प्रांसिसी सेनापतियों के निर्देशन में श्रेष्ठ सैन्यबल खड़ा किया था।
डॉ. अलका मिश्रा ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने मुगल आक्रमणकारियों द्वारा विध्वंस किए गए हिन्दू धार्मिक गौरव चिन्हों का चुन चुनकर पुननिर्माण करवाया। आज भी सोमनाथ, काशी विश्वनाथ आदि स्थलों पर यह निर्माण कार्य दिखलाई देते हैं।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आनंद कोलेज की शिक्षिका डॉ. अलका मिश्रा का सम्मान पटका व माला पहनाकर किया गया। उन्होंने गुरु की महिमा पर अपना उद्बोधन भी दिया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशु अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का संयोजन नीता गर्ग ने किया। धन्यवाद ज्ञापन मीना बंसल ने किया। इस अवसर पर निर्मला गोयल, कुसुम गर्ग, मीरा गर्ग, मधु बंसल, बीना अग्रवाल, कुमकुम गर्ग, अनिता मित्तल, मनाप्रित कौर, आदि सम्मलित हुए।
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