सोशल मीडिया पर समाजेवा के नाम पर लूटी वाहवाही
यूपी पुलिस ने तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की
Mathura (Uttar Pradesh, India)। मुख्यमंत्री राहत कोष और प्रधानमंत्री केयर फंड में मदद के नाम पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ऐसे ऐसे अकाउंट के चेक काटकर डाल दिए जो सालों से या तो बंद पड़े थे या फिर उनमें पर्याप्त धनराशि ही उपलब्ध नहीं थी। समाजसेवक बनने और लोगों में वाहवाही के लिए किए गए इस कृत्य पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया। तीन लोगों की कलई खुल गई, जिनमें दो समाजवादी पार्टी ने नेता हैं। एक भाजपा नेता का नाम भी शामिल है। डीएम द्वारा डिप्टी कलेक्टर से कराई जांच के बाद अब इन तीनों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
केस-1
पहला मामला सपा नेता दीपक गौड़ का है। दीपक ने दो लाख के चेक की फोटोस्टेट कॉपी के साथ एडीएम फाइनेंस को एक पत्र लिखकर राहत कोष में मदद को लेकर सूचित किया था। धनराशि के राहत कोष में नहीं पहुंचने पर एडीएम ने मामले की जांच डिप्टी कलेक्टर को सौंपी। डिप्टी कलेक्टर ने आईडीबीआई बैंक के सहायक प्रबंधक से रिपोर्ट मांगी। बैंक अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उक्त खाता गौड़ प्रॉपर्टी के नाम से संचालित है और दो लाख रुपये की धनराशि 1 मार्च 2020 से अब तक कहीं भी हस्तांतरित नहीं हुई है। चेक पर डाली गई तारीख 24 मार्च 2020 को उसके खाते में 1993 रुपए 25 पैसे का बैलेंस होने की बात कही।
केस-2
इसके साथ ही राजकुमार रावत नामक व्यक्ति जो खुद को भाजपा से जुड़ा बताता है, ने भी एक लाख रुपये के एचडीएफसी बैंक के चैक के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डाली। जब मामले को जांच की गई तो पता चला कि राजकुमार रावत का उक्त खाता 25 फरवरी 2015 से बंद पड़ा है।
केस-3
एक और मामला शहर के ही व्यक्ति विभोर गौतम का सामने आया। विभोर ने 1 लाख रुपये का कोटक महिंद्रा बैंक का चेक सीएम केयर फंड के नाम पर सोशल मीडिया पर डाला था। मामले की जांच की गई तो पता चला कि जिस बैंक का चेक सोशल मीडिया पर डाल कर वाहवाही लूटी गई, वह अकाउंट तो 15 सितंबर 2017 से ही बंद पड़ा है।
रिपोर्ट दर्ज
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए तो पुलिस ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया। एसएसपी मथुरा डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर की आख्या प्राप्त हुई, जिसमें बताया गया है को 3 लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में चेक के माध्यम से धनराशि देने की बात कही। जांच में पता चला कि इन लोगों द्वारा कोई धनराशि राहत कोष में नहीं दी गई है। इसी संदर्भ में मिली तहरीर के आधार पर तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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