वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे

वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे

NATIONAL REGIONAL लेख

अपना स्नेह, यूं ही उधार रहने दे।

वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे।

तेरे नेह से सराबोर मेरे दिन और रात,

हर खुशी रहे तेरे दामन में, गम मुझी में रहने दे।

खो सा गया बचपन, मगर  वादे चाहतों के जवां रहने दे।

आलिंगन का वंदन मेरी ही यादों में रहने दे।

दिन बदले बदलती गयीं सालें, मौसम बदलें हर बार,

सिकुड़ती सी मेरी जिंदगी में अपनी दुआओं को जिंदाबाद रहने दे।

मुहब्बत की रेत पर बना गयीं जो घर

उसमें यूं ही गुनगुनी धूप सुबह से शाम रहने दे।

टीवी जग्गी, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *