अपना स्नेह, यूं ही उधार रहने दे।
वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे।
तेरे नेह से सराबोर मेरे दिन और रात,
हर खुशी रहे तेरे दामन में, गम मुझी में रहने दे।
खो सा गया बचपन, मगर वादे चाहतों के जवां रहने दे।
आलिंगन का वंदन मेरी ही यादों में रहने दे।
दिन बदले बदलती गयीं सालें, मौसम बदलें हर बार,
सिकुड़ती सी मेरी जिंदगी में अपनी दुआओं को जिंदाबाद रहने दे।
मुहब्बत की रेत पर बना गयीं जो घर
उसमें यूं ही गुनगुनी धूप सुबह से शाम रहने दे।
टीवी जग्गी, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
Latest posts by Special Correspondent (see all)
- द सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार आगरा के डॉ. मुनीश्वर गुप्ता, चन्द्रशेखर उपाध्याय, डॉ. भानु प्रताप सिंह हिन्दी में प्रथम, देखें 59 हिन्दी वीरों की सूची - February 23, 2023
- गड़बड़ी की नींव पर खड़ा है आदर्श महाविद्यालय पनवारी, विधायक चौधरी बाबूलाल ने खोला राज, DM ने जांच बैठाई - February 3, 2023
- Taj Press Club Election उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीतने पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह का सम्मान, देखें तस्वीरें - November 17, 2022