Love jihad in agra

Love Jihad in Agra विवाहित जफर अली ने राहुल गुप्ता बन हिंदू महिला को प्रेम जाल में फँसाया, 5.10 लाख रुपये वापस मांगे तो धर्म परिवर्तन कर नमाज पढ़ने का दबाव, शाहगंज पुलिस ने जेल भेजा

Crime

अखंड भारत हिन्दू संस्थान के प्रयास पर बहन, भाई, मां और पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट

आरोपः अवांछनीय तत्व समझौते का दबाव बना रहे, डॉक्टर ने नहीं किया मेडिकल

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Agra, Uttar Pradesh, India. ये जफर अली है। दयालनगर, शाहगंज, आगरा का रहने वाला है। आरोप है कि इसने 2017 में एक हिंदू महिला को अपना नाम राहुल गुप्ता रख प्रेमजाल में फँसाया। प्रेम का नाटक कर शारीरिक शोषण करता रहा। उसने महिला पर ऐसा जादू चलाया कि 5.10 लाख रुपये ले लिए। रुपये वापस मांगे तो धर्म परिवर्तन कर नमाज पढ़ने का दबाव बना रहा है। सोशल मीडिया पर बदनाम कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की बात कहता है। बच्चों को उठवाने की धमकी देता है। हिन्दूवादियों ने जोर लगाया तो जफर अली को जेल भेज दिया गया है।

जफर अली ने स्वयं को हिंदू होने का खूब प्रदर्शन किया। वह महिला को मंदिरों में घुमता रहा। अपने माथे पर तिलक और चंदन लगाता। हाथ में कलावा बाँधकर रखता। महिला को अति का विश्वास हो गया तो जफर अली ने चाल चली। महिला से पांच लाख दस हजार रुपए ले लिए। इसके बाद वह महिला से दूरी बनाने लगा। महिला ने रुपये वापस लेने के लिए छानबीन शुरू की। तब पता चला कि जिसे वह राहुल गुप्ता समझकर सर्वस्व सौंप चुकी है, वह तो जफर अली है।

महिला ने 19/7/2023 को अखंड भारत हिन्दू संस्थान के कैम्प कार्यालय शाहगंज में राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सिंह चाहर से सम्पर्क साधा। संगठन से मानवीय आधार पर मदद करने के लिए लिखित में प्रार्थना पत्र देकर जफर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की।

इसके बाद गोपाल सिंह चाहर राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर अर्जुन गिर्ज प्रदेश अध्यक्ष तथा पूनम राठौर अध्यक्ष महानगर महिला मंच के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल थाना प्रभारी शाहगंज से मिला। पीड़िता से जफर अली के खिलाफ तहरीर दिलवाई। पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की। मामला लव जेहाद तथा आर्थिक धोखाधड़ी का सिद्ध हुआ। पुलिस ने रिपोर्ट लिख जफर अली, बहन रानो, भाई शाहिद, भाई कंजेय, मां मुन्नी, जफर की पत्नी बंटी के खिलाफ मुकदमा लिखा। जफर अली की तत्काल गिरफ्तार कर शाहगंज पुलिस ने जेल भेज दिया। शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस द्वारा किये जा रहे हैं।

गोपाल सिंह चाहर ने पुलिस आयुक्त आगरा को अवगत कराया है कि मुकदमा दर्ज होने तथा जफर की गिरफ्तारी से क्षुब्ध मुस्लिम समाज के कुछ अवांछनीय तत्व महिला को डरा धमकाकर समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि लेडी लायल अस्पताल में पीड़िता का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं किया गया। गुमराह और डरा धमकाकर वापस कर दिया। आरोप लगाया है कि विपक्षीगणों से आर्थिक रूप से सांठगांठ कर मेडिकल नहीं किया। मुकदमे को कमजोर करने का काम किया। इसकी शिकायत सीएमओ आगरा से की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत की जायेगी। मांग की है कि पुलिस पीड़िता की सुरक्षा करे।

थाना प्रभारी शाहगंज से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में बबीता शर्मा महिला महामंत्री, विमला बघेल उपाध्यक्ष, काजल चौहान, रेखा भदौरिया, कंचन चौहान, दिनेश लाल यादव, हीरा लाल अंडेवाले, हुक्म सिंह, पकंज राजौरिया, अनिल पचौरी, मुलायम सिंह, मनोज शर्मा, किशन पहलवान, करन गिर्ज, भोला बघेल प्रमुख रूप से शामिल रहे।

 

क्या लिखा है रिपोर्ट में

विधवा और दो बच्चों की मां ने रिपोर्ट में लिखाया है- मेरे पति का निधन 7 फरवरी 2012 में हो गया है। मैं वर्तमान में अपनी ससुराल में अपने दोनों बच्चों के साथ उपरोक्त पते पर रह रही हूँ। दो हजार सत्रह में जफर अली ने अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर नाम बदल कर मुझसे दोस्ती कर ली। मैंने जफर अली को हिन्दू समझा क्योंकि उसने अपना नाम राहुल गुप्ता बताया। माथे पर चंदन तिलक हाथ में कलावा बाँधे रखता था। अक्सर मेरे साथ रावली महादेव मंदिर दर्शन करने को जाता था। हम शहर में एक साथ घूमते फिरते रहते रहे। विश्वास करके मैंने जफर अली की अपनी धनराशि के बारे में बता दिया, जो मेरे स्व. पति मेरे तथा बच्चों की देखभाल के लिए छोड़ गये थे। मुझे जफर अली ने प्रेम सम्बन्धों में भावनात्मक रूप से अपने वश में कर लिया। फिर जफर ने मुझे बहला फुसलाकर सितम्बर 2021 से तीन लाख दस हजार रुपये नगद तथा दो लाख रूपये अलग से अपना काम खोलने के लिए मेरे से लिये। जफर ने 6 महीने में सारे रुपये वापिस करने का भरोसा दिया। मैंने जफर पर भरोसा करके पैसे / रुपये दे दिये। इसके कुछ दिनों बाद मुझे जफर का मुस्लिम होने और पूरी असलियत की जानकारी प्राप्त हुई, तब तक जफर मेरा मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक शोषण कर चुका था।

मैं जफर अली की असलियत समझ चुकी हूँ। मैं जफर के घर अपने रुपये वापिस लेने गई। वहाँ पहले से जफर की बहिन रानो (तलाकशुदा), उसका भाई शाहिद एवं दूसरा भाई कजेय, उसकी मां मुन्नी बेगम, जफर की पत्नी बंटी मौजूद थी। मैंने जफर की सारी बातें सभी को बताई, अपने पैसे वापस मांगे तो मुझे सभी ने उल्टा डरा धमकाकर चुप करा दिया।

जफर अली के परिवार के सभी लोग बहन, भाई, मां, पत्नी सभी लव जिहाद की योजना का अभिन्न अंग हैं। सब लोग मेरे पर दवाब बनाते हैं कि तू इस्लाम धर्म ग्रहण करके हमारे बेटे जफर से निकाह कर ले। इन सभी ने जफर के साथ मिलकर मेरी जिन्दगी बर्बाद कर दी है, जिसके चलते हुए मैं मानसिक रूप से पीड़ित एवं दुखी हूँ। बहुत मन्नत करने के बाद जफर ने कागज पर रुपया लेना स्वीकार किया है, किश्तों में अदा करना भी स्वीकार किया है। ऐसा कागज पर लिख कर दिया गया है। इसके साथ जफर ने तीन चेक पंजाब नेशनल बैंक शाहगंज के भुगतान के लिए दिये हैं। अब जफर कहता है अगर तुझे पैसे लेने हैं तो मेरे घर वालों की बात मान। मेरे साथ रखैल बन कर रह और पाँचों वक्त की नमाज पढ़। अगर ऐसा नहीं कर पाती है तो भाग जा, मर जा, मैं पैसे देने वाला नहीं हूँ। पुलिस के पास शिकायत लेकर थाने गई तो तेरी खैर नहीं है। तेरे दोनों लड़कों को अयूब खान से उठवा लूँगा, तेरा चेहरा तेजाब डालकर खराब कर दूँगा और तुझे सोशल मीडिया पर तुझे बुरी तरह बदनाम करके तुझे जीते जी आत्महत्या करने पर मजबूर कर दूँगा।