tb jaggi

डूबे इस कदर शवाब ए इश्क में सुबह होने का गुमान न था

वक्त को समेटना इतना आसां न था, फारिग होने की फुर्सत ही न थी। डूबे इस कदर शबाब ए इश्क में सुबह होने का गुमान न था। गमों की यारी खुशियों की अदावत  अदला-बदली का गर हुनर पास होता। क़जा बेशक है तू मगर ज़िक्र ए जिंदगी में क़ायम है इबादत की जगह। सदियों की […]

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tb jaggi

वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे

अपना स्नेह, यूं ही उधार रहने दे। वजनी है तेरी देनदारी , मगर मुझे देनदार रहने दे। तेरे नेह से सराबोर मेरे दिन और रात, हर खुशी रहे तेरे दामन में, गम मुझी में रहने दे। खो सा गया बचपन, मगर  वादे चाहतों के जवां रहने दे। आलिंगन का वंदन मेरी ही यादों में रहने […]

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tv jaggi poem

तेरी बेवफाई का नशा भी क्या कम है…

ख्वाबों की दुनियां में ख्वाहिशों के नजराने हैं कराहटों के बोझ, आह के अफसाने हैं, रहमतों की वारगाह में जन्नतों के ठिकाने हैं।  तसव्वुर तेरी पलकों के तीर ए नजर उम्र भर को पाए हैं, इस आंगन के दरख्त पर आस्मां से ज्यादा कुहासे छाए हैं। पंखुड़ियों से लिपटी शबनम ने नागों के आगोश पाए […]

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बापू की छोटी सी आमदनी में बड़े काम कर गयीं अम्मा…

बड़ी फिक्र में आसमानी हो गयीं अम्मा। अश्कों की चादर ओढ़कर सुकून से सो गई अम्मा। टूटती सांसों में आंखों के आइने से, मुझी को निहारती गयीं अम्मा। घर की सलामती में सुबह और शाम इबादत में दामन फैलाती रहीं अम्मा। बापू की छोटी सी आमदनी में बड़े काम कर गयीं अम्मा।         बड़े से घर […]

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rakshita singh ghazal

इश्क का समंदर है रक्षिता सिंह की ये गजल, आप भी गुनगुनाइए

जरा ज़ुल्फें हटाओ चाँद का दीदार मैं कर लूँ ! वस्ल की रात है तुमसे जरा सा प्यार मैं कर लूँ !! बड़ी शोखी लिए बैठा हूँ यूँ तो अपने दामन में ! इजाजत हो अगर तो इनको हदके पार मैं करलूँ!! मुआलिज है तू दर्दे दिल का ये अग़यार कहते हैं! हरीमे यार में […]

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टीवी जग्गी की ये कविता जरूर पढ़िए

मजबूरियों के मुसाफिर जिंदगी के सफर में, फांके के दिनों में लम्बी सी डगर पैदल ही नपेगी, वीरान पड़ रही बस्ती काम हो गये बंद. उखड़ गया है ठेल ढकेल का संग, गुमराह शहर की रौनक भूल गई है रंग. याद आ रहा फिर से वो मेरा अपनों वाला गांव, आपाधापी खूब मची है, चलने […]

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