Agra (Uttar Pradesh, India)। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का शिलान्यास 5 अगस्त, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर आ रही है। वह यह कि राम मंदिर का शिलान्यास 9 नवम्बर, 1989 को हो चुका है। उस शिलान्यास कार्यक्रम की दुर्लभ तस्वीर भी देख सकते हैं।
नवरत्न, अष्टधातु, ‘श्रीराम‘ लिखी हुई चांदी और सुवर्ण की ईंट रखी गई थी
९ नवंबर १९८९ को अयोध्या में शुभ मुहूर्त पर भगवान श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन और शिलान्यास हुआ। हिन्दू सनातनी धर्मशास्त्र परंपरा के अनुसार भूमि में ७ फीट लंबा, ७ फीट चौड़ा और ७ फीट गहरा गड्ढा बनाया गया। इसमें नवरत्न, अष्टधातु, ‘श्रीराम’ लिखी हुई चांदी और सुवर्ण की ईंट, घी और अन्य धार्मिक चिह्न व वस्तुएँ आदि रखकर भूमिपूजन और शिलान्यास किया।
किसने किया था शिलान्यास और भूमिपूजन
महंत रामचंद्र परमहंस (अयोध्या), महंत अवैद्यनाथ, विश्व हिन्दू परिषद के अशोक सिंघल, विश्व हिन्दू परिषद बिहार के संगठन मंत्री कामेश्वर चौपाल ने गड्ढे में उतरकर भूमि पूजन किया था। विष्णु हरि डालमिया समेत अनेक महानुभाव बाहर से उस गौरवशाली क्षण को देख रहे थे। चित्र देखकर आप पहचान सकते हैं कि कौन-कौन उस क्षण के गवाह हैं।
मनोज कुमार ने उपलब्ध कराया फोटो
राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार ने यह चित्र www.livestorytime.com को उपलब्ध कराया है। उन्होंने बताया कि ९ नवंबर १९८९ को मुख्य पूजन कामेश्वर चौपाल से कराया गया था क्योंकि वे दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। कामेश्वर चौपाल इस समय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य हैं। पांच अगस्त को शिलान्यास इसी ट्रस्ट की देखरेख में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय बजरंग दल की मांग
मनोज कुमार ने मांग की है कि श्रीराम मंदिर के बाहर बनने वाले द्वार पर महंत रामचंद्र परमहंस (अयोध्या), महंत अवैद्यनाथ, विश्व हिन्दू परिषद के अशोक सिंघल, विश्व हिन्दू परिषद बिहार के संगठन मंत्री कामेश्वर चौपाल के नाम की शिलापट्टिका लगाई जाए।
- हिंदी से न्याय अभियान: देशभर से अब तक पौने दो करोड़ हस्ताक्षर - September 28, 2024
- अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव में नौ हस्तियों को नवरत्न सम्मान, यहां देखें पूरी सूची - September 22, 2024
- अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव में देश-विदेश से आए रंगकर्मी जमा रहे रंग, चाहिए आपका संग, आज अंतिम दिन - September 22, 2024