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90वें जन्मोत्सव पर राधास्वामी मत के गुरु दादाजी महाराज का सबसे बड़ा इंटरव्यू, देखें वीडियो

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डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra (Uttar Pradesh, India)। राधास्वामी सतसंग, आगरा के आचार्य एवं अधिष्ठाता दादाजी महाराज (प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर) का 27 जुलाई, 2020 को 90 वां जन्मोत्सव है। अध्यात्म, धर्म, दर्शन, शिक्षा, साहित्य, इतिहास जैसे तमाम क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान है। राधास्वामी मत के आदि केन्द्र हजूरी भवन, पीपल मंडी, आगरा से राधास्वामी मत के करोड़ों अनुयायियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। देश-विदेश के लाखों सतसंगी अपने प्राण प्यारे दादाजी महाराज का जन्मोत्सव मनाने के लिए अत्यंत उत्साहित हैं। दादाजी महाराज का जन्मोत्सव हजूरी समाध पर पूर्वाह्न 11 बजे से सतसंग के साथ सादगीपूर्ण ढंग से मनाया जाएगा।

दादाजी महाराज के नाम आगरा विश्वविद्यालय के दो बार कुलपति रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऐसे कार्य किए कि आज भी याद किए जाते हैं। यहां यह भी स्मरणीय है कि दादाजी महाराज के 65वें जन्मदिन पर 5000 पेज का अभिनंदन ग्रंथ भेंट किया गया था। इस मौके पर ‘लाइव स्टोरी टाइम’ को दादाजी महाराज ने सबसे बड़ा इंटरव्यू दिया। उन्होंने अपने चाहने वालों को प्रेम का संदेश दिया। अपने, परिवार, समाज और देश के रति उत्तरायित्व निभाने की अपील की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंशः-

Live Story Time: आपके जन्मोत्सव को लेकर सब लोगों में अपार उत्साह है। सब लोग मगन हैं, जोश में है। उनके लिए क्या संदेश है?
Dadaji Maharaj: मैं प्यार करता हूं सबको। मेरा प्यार देना सबको। क्योंकि प्यार की आवश्यकता है, क्योंकि जिस तरह से जमाने में बातें चल रही हैं उसमें देखने में आता है कि प्यार की कमी है। संकीर्णता बहुत है। स्वार्थ बहुत है। प्रेम में स्वार्थ नहीं चलता है। यही मेरा संदेश है।

Live Story Time: प्यार की भावना जो हजूरी भवन परिसर में है, उसका अन्य जगह अभाव क्यों दिखता है?

Dadaji Maharaj: हम सब मालिक को मानते हैं, राधास्वामी दयाल को मानते हैं। और गुरु प्रेम है। उससे सब बंधे हुए हैं। इसी कारण बिखराव नहीं है।

Live Story Time: क्या पृथ्वी पर जन्म लेना पहले से नियत होता है?

Dadaji Maharaj: इसके अलग-अलग सिद्धांत हैं, बहरहाल जन्म होता है। संस्कार तो हैं, अगले-पिछले संस्कार तो जरूर हैं। तुम देखो कि बच्चों का स्वभाव बिलकुल अलग-अलग होता है। कोई मां के ऊपर जाता है तो कोई बाप के ऊपर जाता है।

Live Story Time: दादाजी, बहुत सी कार्यवाही आप गुप्त रखते हैं, इसका रहस्य क्या है?

Dadaji Maharaj: मैंने तो कुछ गुप्त रखा नहीं है। अपने आपको प्रकट किया है। कारण क्या है कि बेटे मेहनत की है। कितने क्षेत्रों में कर दिया। साहित्य में किया, धर्म में किया, लेखन में किया, बोलने में किया।

Live Story Time: आपके पास तमाम लोग मदद मांगने आते हैं और आप उनकी मदद करते हैं, उसे गुप्त रखते हैं क्यों?

Dadaji Maharaj: वो तो ठीक है। अगर किसी की मदद करनी है तो उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए। फिर वह मदद नहीं हुई। मदद ऐसी की जाती है कि पता नहीं लगे, गुप्त रहे।

Live Story Time: आगरा और फतेहपुर सीकरी में सुलह-ए-कुल के नाम से जो कार्यक्रम कराया था, उसे भी आज लग याद करते हैं।

Dadaji Maharaj: याद तो करते होंगे क्योंकि वो तो चीज ऐसी है कि आज भी जरूरत है उसकी। समाज के अंदर एकता की आवश्यकता है। सामाजिक एकता और राष्ट्र के प्रति प्रेम। व्यक्तिगत संकीर्णता को छोड़कर दूसरों का भी ख्याल रहे। ये है सुलह-ए-कुल।

Live Story Time: मैंने जो आपके बचनों को पढ़ा है, उसमें एक बात निकल आई है कि आप दृष्टि डालकर जीवों का उद्धार कर देते हैं, इसका क्या रहस्य है?
Dadaji Maharaj: मैं तो कोई उद्धार करने वाला हूं नहीं, उद्धार करने वाले से थोड़ी सी जानकारी जरूर है। मेरा फर्ज है कि कोई आए और मांगे तो उसको दिया जाए।

Live Story Time: कोरोना के कारण सतसंगी आपका जन्मोत्सव मनाने हजूरी भवन में आ नहीं पा रहे हैं, आपकी ओर से भी मनाही है, ऐसे में वे क्या करें?

Dadaji Maharaj: सतसंगी अपने घरों में मना सकते हैं। सबसे बड़ी बात कहने की यह है कि मैंने 90 सालों में काम किया है। कई क्षेत्रों में काम किया है और संकीर्णता नहीं है। साहित्य, लेखन, वाकशक्ति, प्रशासनिक क्षेत्र में किया है। आगरा विश्वविद्यालय का दो दफा कुलपति रहा हूं।

Live Story Time: आपने कुलपति के कार्यकाल में जो काम किया है, वही तो आज काम आ रहा है। खंदारी परिसर, मैनेजमेंट, इतिहास विभाग, रोजगारपरक कोर्स सब आपकी देन है।

Dadaji Maharaj: हां, किया है काम।

Live Story Time: आगरा विश्वविद्यालय में आपने जो पेड़ लगाया है, उसी के फल सब खा रहे हैं।

Dadaji Maharaj: मैं सबका अच्छा चाहता हूं। सबका भला चाहता हूं। मेरा बर्थडे संदेश यही है कि 90 साल का मैं हो गया। उमर हो गई। मैं चाहता हूं कि बच्चे खुश रहें और ठीक दिशा में चलें, ठीक लाइन पकड़ें। पढ़ें- लिखें और उससे ज्यादा ये है कि चरित्र सही रहना चाहिए। देशभक्ति रहनी चाहिए। समाज में एकता रहनी चाहिए।

Live Story Time: अंग्रेजी के ज्ञाता होने के बाद भी हिन्दी के प्रति आपका समर्पण सर्वविदित है। इसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से श्रद्धानवत हूं। क्या सब लोग हिन्दी में बोलें, ऐसा संदेश देना चाहेंगे?

Dadaji Maharaj: हिन्दी तो मेरी मातृ भाषा है। हिन्दी को प्यार करता हूं और जो व्यक्ति जिससे प्यार करता है वो चाहता है कि सब उसको प्यार करें। हिन्दी में बोलता हूं। अंग्रेजी में भी भाषण दिए हैं, किताबें भी लिखी हैं। लेकिन अपने समाज में और प्रदेश में हिन्दी में बोलना चाहिए।

Live Story Time: आपका एक आलेख कौन लौटाएगा मेरा आगरा, अत्यंत लोकप्रिय हुआ। आज के संदर्भ में आगरा को किस रूप में देखते हैं?

Dadaji Maharaj: आगरा को बहुत प्यार करता हूं। मेरी जन्मभूमि है। यहीं मैं पढ़ा-लिखा। नौकरी की। आगरा कॉलेज में 30 साल बढ़ाया। आगरा यूनिवर्सिटी में छह साल वाइस चांसलरी करी। इसके बाद बुढ़ापा। आगरा में रह रहा हूं। आगरा से प्यार है। वो आगरा को लौटा दो।

Live Story Time: अभी तक इंतजार है आगरा को लौटाने का?

Dadaji Maharaj: हां, है।

Live Story Time: आगरा को लेकर होटल क्लार्क्स शिराज में कार्यक्रम हुआ था। उसमें यूपी सरकार के तत्कालीन मंत्री नरेश अग्रवाल आए थे। उनके भाषण के दौरान ही आपने कहा था कि मुझे बोलने दो पहले और आप बोले। उस तरह की निडरता आज लोगों में नहीं दिखई देती।

Dadaji Maharaj: निडरता होनी चाहिए। वह होगी तब जब बच्चों में काफी कुछ जानकारी लोगे। पढ़ना-लिखना चाहिए, उसके बाद अपने विचार बनाने चाहिए। समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाओ। देश के प्रति दायित्व को निभाओ। अपने और परिवार के प्रति तुम्हारा जो दायित्व है, वह भी जरूरी है।