महाराष्ट्र डॉक्टर आत्महत्या मामला: राहुल गांधी बोले – सिस्टम ने मिलकर मारा, अब भारत की हर बेटी को डर नहीं, न्याय चाहिए

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बीड़। महाराष्ट्र के सातारा जिले के फलटन तहसील में तैनात सरकारी डॉक्टर डॉ. संपदा मुंडे (28) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है।

डॉ. मुंडे का शव 23 अक्टूबर 2025 को एक होटल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका मिला। वे फलटन सिविल अस्पताल में कार्यरत थीं और मूल रूप से बीड़ जिले की निवासी थीं।

मौके से 4 पेज का सुसाइड नोट और उनकी हथेली पर लिखा मराठी में आत्मघाती संदेश बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने स्थानीय सांसद और उनके दो निजी सहायकों (PA) पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

सांसद और सहायकों पर लगाए दबाव और धमकी के आरोप

सुसाइड नोट के अनुसार, डॉ. मुंडे पर सांसद (संभावित रूप से BJP सांसद उदयनराजे भोंसले) और उनके दो सहायकों द्वारा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव, अवैध कार्यों में फंसाने और शिकायत करने पर धमकाने जैसे आरोप लगाए गए हैं।

डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले यह शिकायत पत्र प्रशासन को सौंपा था, लेकिन कार्रवाई न होने से वह निराश थीं। परिवार का आरोप है कि डॉ. संपदा को लंबे समय से कार्यस्थल पर उत्पीड़न और मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा था।

पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि सांसद और उनके सहायकों से पूछताछ की जा रही है। परिवार ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि “हमारी बेटी के साथ अन्याय हुआ है, दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।”

“एक होनहार डॉक्टर, जो दूसरों का दर्द मिटाना चाहती थी…”

डॉ. संपदा मुंडे का सपना था कि वे ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। लेकिन उनके जीवन का अंत एक भ्रष्ट तंत्र की त्रासदी बनकर सामने आया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, हालांकि उत्पीड़न और धमकी के सबूत जुटाने के लिए जांच जारी है।

“यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है” — राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 26 अक्टूबर को अपने X (ट्विटर) पोस्ट में कहा — “महाराष्ट्र के सतारा में बलात्कार और उत्पीड़न से तंग आकर डॉ. संपदा मुंडे की आत्महत्या किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है।

एक होनहार डॉक्टर बेटी, जो दूसरों का दर्द मिटाने की आकांक्षा रखती थी, भ्रष्ट सत्ता और तंत्र में बैठे अपराधियों की प्रताड़ना का शिकार बन गई।”

उन्होंने आगे लिखा — “यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है। सत्ता संरक्षित आपराधिक विचारधारा का यह सबसे घिनौना उदाहरण है। जिनके जिम्मे जनता की रक्षा थी, उन्होंने ही इस मासूम के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध किया।”

“जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद किससे?”

राहुल गांधी ने कहा कि जब सत्ता अपराधियों की ढाल बन जाए, तो न्याय की उम्मीद समाप्त हो जाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. संपदा की मौत ने BJP सरकार के अमानवीय और संवेदनहीन चेहरे को उजागर किया है।

उन्होंने कहा, “हम न्याय की इस लड़ाई में पीड़ित परिवार के साथ मज़बूती से खड़े हैं। भारत की हर बेटी के लिए अब डर नहीं, न्याय चाहिए।”

जांच जारी, परिवार की मांग — “सत्ता नहीं, सच की जीत हो”

पुलिस ने मामले की एसआईटी जांच शुरू कर दी है।
बीड़ और सतारा दोनों जिलों में लोगों ने ‘#JusticeForDrSampada’ अभियान चलाया है।
परिवार ने कहा कि डॉ. संपदा के लिए न्याय सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर महिला डॉक्टर की सुरक्षा की लड़ाई है।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh