सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल की मीडिया, नेता और अफसरों को खरी-खरी, देखें वीडियो

सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल की मीडिया, नेता और अफसरों को खरी-खरी, देखें वीडियो

NATIONAL POLITICS REGIONAL

न्यायपालिका का बुरा हाल खबर दिखाने से बचता है मीडिया

Agra (Uttar Pradesh, India)। सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल खरी-खरी कहने के लिए विख्यात हैं। उन्होंने नगर निगम में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के मौके पत्रकार एसोसिएशन द्वारा आयोजित समारोह में मीडिया, नेता और अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई। उनका दर्द इन शब्दों में झलका – आज गांव में एमपी का जाना एक न्यूज है। आदमी ने एमपी को चपरासी बना रखा है। नेताओं के बारे में कहा- नेताओं को छपास और दिखास की बीमारी है। यह भी कहा- न्यायपालिका का बुरा हाल लेकिन मीडिया दिखाने से डरती है।

लोकतंत्र के चारों खम्भों का नैतिक पतन

हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आगरा नगर निगम में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल ने कहा-  लोकतंत्र के चारों खम्भों का नैतिक पतन हुआ है। इसके लिये केवल मीडिया को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता। वह व्यक्तिगत रूप से प्रेस की स्वतंत्रता के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने मीडिया पर हल्ला बोला था। पता नहीं क्यों ऐसा हुआ। सरकार आते ही राजनीतिक दलों को मीडिया से दिक्कत होती है, लेकिन राजनीतिक दलों का यह सोचना चाहिये कि अगर मीडिया ही नैरेटिव नहीं बनाती तो कैसे सपा, बसपा और भाजपा सत्ता में आती और एक ही दल की सरकार बनी रहती। सत्ता में आने के बाद पत्रकारिता बुरी लगती है।

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मनीष जैन और सांसद एसपी सिंह बघेल।

पत्रकारों के लिये कोई भी पुरस्कार छोटा

 खोजपूर्ण पत्रकारिता का वर्तमान परिदृश्य में महत्व नहीं है, सिर्फ काम का व्यक्ति तलाशा जाता है। आगरा में फर्जी कोरोना वॉरियर्स बने हैं। वह घर बैठे ही कोरोना वॉरियर्स बने जबकि  पत्रकार 46 डिग्री टेम्परेचर में निकलता है। कोरोना में ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग करने वाले के पत्रकारों के लिये कोई भी पुरस्कार छोटा है। मीडिया में भारी कम्पटीशन है। हर राजनेता पांच कालम का समाचार चाहता है। वैसा ही छपना देखना चाहता है जो वह भेजता है, लेकिन मीडिया अपने स्तर से दिखाता है।

नेताओं को बीमारी

सासंद ने कहा कि नेताओं को छपास और दिखास की बीमारी है। कुछ को ज्यादा है कुछ को कम है, लेकिन 22 साल की राजनीति में मेरा मीडिया पर खर्चा डबल जीरो है, जबकि नेता को मीडिया के लिए बड़ा बजट तैयार करना होता है। सवाल यह है यह खर्चा कहां से आये।

पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा संसद में उठाएंगे

 बघेल ने कहा कि ईश्वर न करे कि किसी की कोरोना से मौत हो लेकिन अगर पत्रकार पॉजिटिव होकर मरेगा तो मृतक आश्रित की नौकरी नहीं पायेगा जबकि अन्य लोगों को मुआवजा भी मिलेगा । बघेल ने यह भी कहा कि आगरा के दिवंगत पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की निजी तौर पर  मदद की जायेगी । मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के लिए सचिव से व्यकितगत मुलाकात होगी। पंकज कुलश्रेठ के परिवार को दो दिन में मदद  होगी। सांसद बघेल ने कहा कि लोकसभा के मानसून सत्र में पत्रकार सुरक्षा का मुद्दा उठाया जायेगा । पत्रकार और नेता अगर ग्राउंड जीरो पर नहीं जाते तो ब्यूरोक्रेसी अपना क्या रंग दिखाती।

मनीष जैन ने की अध्यक्षता

कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनीष जैन ने की। संचालन महासचिव गौरव अग्रवाल, ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह, राजेंद्र चौहान, कपिल अग्रवाल, गीतम सिंह, अविनाश जयसवाल आदि लोग मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *