लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यह साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से दो टूक कह दिया है कि जो 17 सीटें कांग्रेस ने मांगी थी। वो दे दी हैं। अब आगे गठबंधन रखें या न रखें यह कांग्रेस पर निर्भर है। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व में बैक फुट पर आते हुए बातचीत जारी रखने की बात कही है।
सोमवार को समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत अब 17 सीटों पर कांग्रेस को अपने प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले सपा ने कांग्रेस को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई थी। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला लिया।
सूत्रों के मुताबिक, सपा ने कांग्रेस को अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, कैसरगंज, वाराणसी, अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, हाथरस, झांसी, महराजगंज और बागपत सीट दी थी।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सपा की तरफ से 17 सीटों का प्रस्ताव मिला है, हालांकि पार्टी की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई। मालूम रहे कि इससे पहले 11 सीटों का प्रस्ताव देने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने असंतोष जताया था। जिसके बाद सपा ने नए सिरे से सीटों का चयन कर सूची कांग्रेस नेतृत्व को भेजी थी।
सपा की दूसरी सूची में 11 प्रत्याशी
सपा ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्या, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से ऊषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।
– एजेंसी