डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ. दिनेश शर्मा ने भी कही उपयोगी बात
‘प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं उत्तर प्रदेश का ग्रामीण विकास’ पर विद्वानों ने की दिए महत्वपूर्ण सुझाव
Agra (Uttar Pradesh, India)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल का कहना है कि संकट को अवसर में बदलकर ही नव भारत का निर्माण किया जा सकता है। हमें अपने आत्मबल से देश और प्रदेश को आगे बढ़ाना है। राज्यपाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बजट खेती एवं कुटीर उद्योगों के विकास की संभावना तलाशने पर बल दिया। उन्होंने माइग्रेशन कमीशन ( प्रवासी आयोग) के गठन को भी अच्छा कदम बताया।
70 प्रतिशत आबादी गाँवों में
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी (वेबिनार) को संबोधित कर रही थीं। संगोष्ठ का विषय था- प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं उत्तर प्रदेश का ग्रामीण विकास। असल में स्थानीय स्तर पर समस्या का कोई हल नहीं होने के कारण उत्तर प्रदेश वापस लौटे लगभग 23 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिक लॉकडाउन समाप्त होने के बाद फिर अपने कामों पर वापस लौटेंगे। क्या इतनी बड़ी विपत्ति से हमने कुछ सीखा? हमें शहरों के साथ-साथ अपने गाँवों के विकास पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा। आज भी हमारी लगभग 70 प्रतिशत आबादी गाँवों में रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय, चिकित्सालय, विद्युत, पहुंच हेतु पक्की सड़क एवं परिवहन आदि आवश्यक सुविधाएं पहुंचाकर ही विकास की रूपरेखा खींची जा सकती है। राज्यपाल ने भविष्य के लिए आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल को बधाई देते हुए कठिन समय से शिक्षा लेकर ही कार्य करने की सद्प्रेरणा के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।
आत्मनिर्भर ग्रामीण व्यवस्था के विकास के लिए कटिबद्ध
वेबिनार को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 27 हजार से अधिक बसों द्वारा प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित की गई है। प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर ग्रामीण व्यवस्था के विकास के लिए कटिबद्ध है जिससे पुनः पलायन को रोका जा सके और सुदृढ़ व्यवस्था निर्मित हो। इसके लिए बदली हुई परिस्थितियों में घर वापसी कर रहे श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुरुप रोजगार दिलाना, उनके स्वास्थ्य एवं खानपान की प्रभावी व्यवस्था करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही उन्होंने इस वेबिनार के निष्कर्षों से लाभ उठाने की बात कहते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति को ऐसे आयोजन के लिए बधाई दी।
मनरेगा के माध्यम से आधारभूत ढांचा बनाएं
उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जी. सी. त्रिपाठी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर राष्ट्र ही दीर्घकाल तक रह सकता है। उन्होंने राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी पर बल देने की बात कही। प्रो. त्रिपाठी ने मनरेगा के माध्यम से आधारभूत ढाँचा विकसित करने का सुझाव भी दिया। उनका मानना था कि यदि विचार उचित समय, उचित स्थान पर एवं उचित लोगों द्वारा लागू किया जाए तो उसकी सफलता निश्चित है।
अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल पर बल
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो बी. पी. शर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय सर्वेक्षण करवाकर स्थानीयता की विशिष्टता के अनुरूप ब्राँड विकसित किए जाएँ, जिससे रोजगार सर्जन एवं आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। वेल्यू एडेड प्रोडक्टस बनाने हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का सुझाव भी प्रोफेसर शर्मा ने दिया। उन्होंने अपने संबोधन में जैविक कृषि एवं हस्तशिल्प पर आधारित लघु उद्योगों की स्थापना का सुझाव भी दिया।
प्रणाली का आधार स्थानीय हो
उत्तर प्रदेश -उत्तराखंड आर्थिक परिषद् के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि श्रीवास्तव ने वेबिनार को संबोधित करते हुए ऐसी प्रभावी प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया, जिसका आधार स्थानीय हो। उन्होंने प्रत्येक राज्य में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात भी कही। प्रवासी श्रमिकों के संबंध में अपने प्रभावी प्रस्तुतीकरण में प्रो. श्रीवास्तव ने उनके संबंध में विस्तार से चर्चा की।
कुलपित ने आभार जताया
वेबिनार के प्रारंभ में आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद दिया। वेबिनार की समन्वयक डीएस कॉलेज अलीगढ़ के अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. इंदु वार्ष्णेय ने विषय प्रवर्तन किया। इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक एवं वेबिनार के तकनीकी समन्वयक प्रो वी. के. सारस्वत एवं उनकी टीम ने वेबिनार में तकनीकी सहयोग किया। आई. क्यू. ए. सी. के निदेशक एवं वेबिनार के आयोजन सचिव प्रो. अजय तनेजा ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया।