-हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने की आवश्यकता नहीं, इससे मौत भी हुई हैं
-हृदय और रक्तचाप के मरीजों को खास हिदायत कि दवा बंद न करें
-कोरोना के कारण लॉकडाउन से दुनियाभर में हृदयाघात कम हुए
Agra (Uttar Pradesh, India)। मेदांता हॉस्पिटल में हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन पदमश्री डॉ. प्रवीन चन्द्रा का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन से हृदयरोगियों को लाभ हुआ है। उन्होंने स्क्रीन पर दिखाया कि कोरोनावयारस कैसा दिखता है। चीन में 2019 में ये वायरस पकड़ा गया था। यह चमगादड़ के शरीर में पाया जाता था, लेकिन अब मानव से मानव में स्थानांतरित हो रहा है। इस तरह के पहले तीन वायरस पाए गए थे। यह कोविड-19 है। 2014 में अमेरिका, 2015 में कोरिया में भी इस तरह के वायरस पकड़े गए थे। इस वायरस की शक्ल ऐसी है कि शरीर में जाकर चिपक जाते हैं। फेंफड़ों में जाकर सांस लेने की प्रक्रिया को खराब कर देता है। नाक और मुंह को बचाना है।
दवा से अधिक जरूरत बचाव की
डॉ. प्रवीन चन्द्रा आगरा विकास मंच द्वारा आयोजित वीडियो सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसमें देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. नरेश त्रिहान (चेयरमैन मेदांता, गुरुग्राम), डॉऔर डॉ. विवेका कुमार (डायरेक्टर हार्ट इंस्टीट्यूट मैक्स) ने भी भाग लिया। मंच के संस्थापक अध्यक्ष स्व. अशोक जैन सीए को श्रद्धांजलि दी गई। डॉ. चन्द्रा ने कहा कि जो लोग 50 साल से ऊपर के हैं, उनमें बीमारी का प्रकोप बढ़ने लगता है। 70-80 साल वालों को अधिक जरूरत है बचाव की। शुगर, लंग्स, उच्च रक्तचाप, हृदय कैंसर का इलाज चल रहा है तो उन्हें अधिक बचाकर रखना है। उन्हें कोई दवा देने और घबराने की जरूरत नहीं है। बस बचाव रखना है। अधिक खांसी, सांस फूलना, थकावट, बुखार होता है। एक्स-रे से शुरुआती पता चल जाता है। फिर सीटी स्कैन कराते हैं। 80 फीसदी लोगों में लक्षण नहीं आते हैं, इसलिए बचकर रहना है। पांच फीसदी को गंभीर संक्रमण होता है, जिन्हें अस्पताल की जरूरत होती है। आगरा के डॉक्टर को मेदांता में वेंटीलेटर पर रखा और वे वापस आगरा जा रहे हैं। मृत्यु दर दो से चार फीसदी है, भारत में तीन प्रतिशत है। इसलिए घबराएं नहीं, बचाएं। दूसरे व्यक्ति से एक मीटर दूर रहें। कोविड का पता दो से 14 दिन बाद चलता है। इसी कारण अलग रखा जाता है।
लहसुन से कोई इलाज नहीं
उन्होंने बताया कि कोविड का पता लगाने के लिए पीसीआर परीक्षण किया जाता है। उसकी 24 से 48 घंटे में रिपोर्ट आ जाती है। एंटी बॉडी टेस्ट पर काम चल रहा है। परीक्षण से पता चलता है कि रोग की गंभीरता कितनी है। प्लास्टिक पर पांच दिन, एलम्युमिनियम पर आठ घंटे तक, सर्जिकल ग्लव्स पर आठ घंटा, लकड़ी पर चार दिन, शीशा पर चार दिन, पेपर पर चार-पांच दिन तक वायरस रह सकता है। ठंडा पानी ले सकते हैं। आइसक्रीम खा सकते हैं। गर्म पानी और गरारे करने से फर्क पड़ सकता है। मच्छरों से नहीं फैलता है। हैंड ड्रायर का प्रयोग करें लेकिन यह उससे मरेगा नहीं। सेनेटाइजर का प्रयोग करना होगा। अल्ट्रा वायलेट लैम्प से कोई फर्क नहीं पड़ता है। गार्लिंक (लहसुन) प्रयोग कर सकते हैं लेकिन यह वायरस का इलाज नहीं हैं। बुजुर्गों का अधिक ध्यान रखें। इसका कोई इलाज नहीं है। इलाज है सपोर्ट। संक्रमण से बचाना है। इसी कारण वेंटीलेटर की जरूरत होती है। अभी तक कोई दवा नहीं बनी है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने की आवश्यकता नहीं है। यही आईसीएमआर ने हमें बताया है। इस दवा के कारण कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है। हृदय रोगियों और रक्तचाप के लिए खास हिदायत है कि दवा बंद न करें।
कोरोना से क्या सीखा
कोरोना से हमने यह सीखा है कि सफाई से रहेंगे तो बीमारी से बच सकते हैं। दुनियाभर में हृदयाघात कम हो गए हैं। रक्तचाप भी ठीक हो रहा है। इसका कारण यह है कि लाइफ स्टाइल ठीक हुई है। हम परिवार के साथ हैं। जल्दबाजी में नहीं हैं। भोजन घर का खा रहे हैं। फास्ट फूड नहीं खा रहे हैं। प्रदूषण का स्तर घट गया है। जिसे कोई समस्या है, वह अस्पताल जाए। डरें नहीं कि अस्पताल जाएंगे तो कोविड हो जाएगा। पैनिक नहीं करना है, लेकिन गंभीरता से लें।

क्या कर रहा आगरा विकास मंच
वीडियो सम्मेलन का संचालन करते हुए युवा उद्यमी आशीष जैन ने बताया कि अशोक जैन सीए ने आगरा विकास मंच की स्थापना 2004 में की थी। तभी पहला हृदय रोग शिविर लगाया गया। डॉ. प्रवीन चन्द्रा तभी से साथ हैं। डॉ. विवेका कुमार 2010 से मंच के साथ हैं। कार्यक्रम संयोजक आशीष जैन ने डॉ. नरेश त्रिहान का परिचय कराया। आगरा विकास मंच ने मेदांता में हृदय विभाग के चेयरमैन डॉ. प्रवीन चन्द्रा के साथ 2004 में आगरा में पहला कैम्प लगाया था। आगरा विकास मंच की स्थापना स्व. अशोक जैन सीए ने 2004 में की थी। हम अब तक 1500 से अधिक हृदय ऑपरेशन करा चुके हैं। लॉकडाउन के कारण उन्हें परामर्श नहीं मिल रहा है। यह वीडियो सम्मेलन उनके लिए भी बहुत उपयोगी है। स्व. अशोक जैन सीए के अनुज राजकुमार जैन वर्तमान अध्यक्ष और सुनील कुमार जैन संयोजक हैं। आगरा विकास मंच के सभी प्रोजेक्ट लगातार चल रहे हैं। कोविड-19 में भोजन, खाद्यान्न, मास्क, सेनेटाइजर्स का उत्पादन और वितरण कर रहे हैं। सेनीटाइजेशन कर रहे हैं। सामाजिक दूरी कायम रखने के लिए सर्किल बनाए जा रहे हैं। राजकुमार जैन ने आगरा विकास मंच द्वारा बनाए गए मास्क को दिखाया। डॉ. प्रवीन चन्द्रा ने इसे अच्छा बताया और कहा कि मास्क प्रयोग धोकर फिर प्रयोग कर सकते हैं।
सवाल करने वाले महानुभाव
अमर उजाला के सिटी प्रभारी चंद्रमोहन शर्मा, हिन्दुस्तान से पत्रकार पवन तिवारी, दैनिक जागरण से पत्रकार अजय दुबे, जिनवाणी चैनल के निदेशक चक्रेश जैन, आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन, संयोजक सुनील जैन, डॉक्टर सुनील शर्मा, डॉ. रमेश धमीजा, डॉ. बीके अग्रवाल, प्रवक्ता संदेश जैन, सुशील जैन, ध्रुव जैन और विवेक सेठिया ने सवाल किए।
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