वर्ष 2021 के नए सूर्योदय के साथ चाय की चुस्की और सभी अखबारों में भविष्यवाणियां पढ़ रहे होंगे तब आपके अंदर अपने लिए विचार उमड़ रहे होंगे| कैसा होगा यह वर्ष? क्योंकि हर वर्ष की अपेक्षा यह नववर्ष पूरे विश्व के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व सकारात्मक सोच के और आशा के साथ सूर्य का उदय हो रहा है| कारण हम सभी को पता है काल के खंड में वर्ष 2020 सदियों तक याद रहेगा और इस दंश को निश्चित रूप से अगर हमें भुलाना है और इसकी भरपाई करनी है तो हमें वर्ष 2021 का इस्तकबाल एक नई सोच एक नई उमंग सकारात्मक विचार प्राकृतिक का आवश्यकतानुसार उपयोग या यूं कहिए अनावश्यक प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बंद करना होगा|
प्यार और आपसी भाईचारे को पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष अधिक गति ना केवल देनी होगी बल्कि दूसरों को भी इन सभी बातों के लिए प्रेरित करना पड़ेगा तभी हम नववर्ष में एक नए इतिहास को जन्म दे पाएंगे और बीते हुए वर्षों के नुकसान की भरपाई कर पाएंगे| कहते हैं ‘जब भूत मरता है तो पलीद पैदा होता है’ मतलब अगर बुरा दिन आया था तो अच्छे दिन भी आएंगे| यह अच्छे दिन लाने के लिए हमें व सरकार को अपने अंदर व अपने आसपास सकारात्मक और ऊर्जावान सोच को उत्पन्न करना पड़ेगा| सौगात के गुब्बारों से पेट नहीं भरेगा| साहब धरातल पर अपनी योजनाओं को उतरना पड़ेगा। जब सरकार चाहती है कि उसे अपने आप टैक्स दिया जाए वैसे ही आम आदमी भी यह चाहता है कि उसके दिए हुए टैक्स का सदुपयोग हो और सरकार अपनी जिम्मेदारी बिना उसके प्रदर्शन किए हुए उसकी आवशयकता को स्वयं देने की सरकार जिम्मेदारी से पूर्ण पहल करें।
नववर्ष की अभिलाषा है अब ना हो किसी बेटी पर अत्याचार, सरकार दुराचार करने वाले को सरेआम दंडित करे। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रास्ते और सामग्री तो सरकार को ही उपलब्ध करानी होगी अन्यथा आत्मनिर्भरता का सपना बीरबल की खिचड़ी जैसा रहेगा| बिना आग के खिचड़ी बनाना| आगरा वालों को चार दशक पुराने अपनी मांग और सपनों को पूरा करने के लिए सरकार को अपनी इच्छा शक्ति को मज़बूत करना होगा। आज विश्व के सभी राष्ट्रों में भारत के पास प्राकृतिक संसाधनों के साथ आध्यात्मिक शक्ति व पारिवारिक संरचना की एक पूंजी है| जिसके बल पर हम विश्व के अन्य राज्यों की अपेक्षा वर्ष 2020 के दंश को न केवल भूल पाएंगे बल्कि भारत को विश्व में एक नई दिशा और एक सशक्त राष्ट्र के रूप में निर्माण अवश्य करेंगे|
मेरा सभी पाठकों से अनुरोध है की नव वर्ष की बेला में हमको प्रण लेना है सूर्य उदय की तरह से हम सतत हर समय अपने चरित्र के साथ राष्ट्र के चरित्र का न केवल निर्माण करेंगे बल्कि अपने योगदान से भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाएंगे| आज मैं आप सभी की तरफ से चाहे सरकार किसी की हो सबको एक ही बात कहना चाहता हूं कि परिवार के मुखिया का जैसा व्यवहार होता है वैसे ही परिवार के अन्य सदस्यों का आचरण बन जाता है| आज आपको भारत को शत प्रतिशत राष्ट्र बिना भ्रष्टाचार का देश बनाने की जो जिम्मेदारी दी है उसका पूर्ण रूप से आप निर्वहन करें, तभी नववर्ष की शुभकामना और बधाई हम लोगों को फलीभूत होगी|
राजीव गुप्ता जनस्नेही
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