chaudhary vikas rawat

लॉकडाउन में फ्री का भोजन हड़पने वालों पर UP Police ने यूं लगाई लगाम

NATIONAL REGIONAL

-एसआई चौ. विकास रावत ने आगरा को यूपी में बनाया नम्बर वन

-ऐप के माध्यम से की जा रही निगरानी, डबलिंग हो गई बंद

-यूपी 112 की तर्ज पर सारी कॉल की जा रही पंजीकृत


Agra (Uttar Pradesh, India)। यूपी पुलिस के उपनिरीक्षक चौधरी विकास रावत ने भोजन और खाद्यान्न वितरण के लिए एक ऐप बनवाया है। इससे पारदर्शिता आ गई है। फ्री का भोजन हड़पने वालों पर लगाम लग गई है। पुलिस के माध्यम से जरूरतमंदों के पास बिना मांगे भोजन पहुंच रहा है। आधार कार्ड को आधार बनाया गया है। प्रतिदिन 35-40 हजार भोजन के पैकट वितरित किए जा रहे हैं और कोई हाय-तौबा नहीं मच रही है। यह प्रयोग यूपी में सिर्फ आगरा में किया गया है, जो पूरी तरह सफल है। यूपी-112 की तर्ज पर सारी कॉल की जा रही पंजीकृत की जा रही है।

समस्या और समाधान

कोरोनावायरस का प्रकोप रोकने के लिए लॉकडाउन शुरू हुआ। समस्या भोजन की आई। भोजन के लिए पुलिस कंट्रोल रूप में फोन आने लगे। समाजसेवी संस्थाएं सक्रिय हो गईं। एसएसपी बबलू कुमार ने भोजन वितरण की जिम्मेदारी अपने गोपनीय सहायक उपनिरीक्षक उपनिरीक्षक चौधरी विकास रावत को सौंपी। उन्हें कमेटी का चेयरमैन बनाया। चौधरी विकास रावत ने स्मार्टली काम किया। भोजन से संबंधित 70 संस्थाओं और व्यक्तियों का वॉट्सऐप ग्रुप बनाया। ग्रुप में सूचनाओं के आधार पर थानों के माध्यम से भोजन वितरण होने लगा। इस दौरान महसूस हुआ कि इसका ठीक से अनुश्रवण नहीं हो पा रहा था। इस पर परफेक्ट सॉफ्टवेयर कंपनी के नितेश अग्रवाल से संपर्क किया। चौ. विकास रावत ने उन्हें आवश्यकताएं बताईं। कंपनी की गति देखिए कि तीन दिन में ही ऐप बन गया। इस ऐप में हर उस व्यक्ति का विवरण है, जिसे भोजन दिया जाता है। भोजन वितरण प्रक्रिया में जुड़े थानेदार और चौकी प्रभारियों पर ऐप का एक्सेस है। जो भी व्यक्ति कंट्रोल रूम में भोजन के लिए फोन करता है, उसका विवरण covidyodha.perfectsoftware.in में सुरक्षित कर लिया जाता है। फिर उसका नाम स्वयमेव सूची में दर्ज हो जाता है। उसे दोबारा फोन करने की जरूरत नहीं होती है। भोजन का संबंध आधार कार्ड से जोड़ दिया है। आधार कार्ड नहीं है तो उसकी अन्य आईडी देखकर उसका नम्बर ऐप में मैनुअली फीड कर दिया जाता है। इसी ऐप के बाद राशन कार्ड धारक जरूरतमंदों की सूची से बाहर हो गए हैं। पुलिस ने भोजन के साथ खाद्यान्न वितरण शुरू किया है। इसमें ऐप की महती भूमिका है। अब कोई भी व्यक्ति खाद्यान्न दो बार नहीं ले सकता है। जिसे रोज खाना चाहिए, उसे फोन करने की जरूरत नहीं है। राशनकार्ड धारक अगर भोजन या खाद्यान्न के लिए फोन करता है तो उसकी कॉल रिजेक्ट हो जाती है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर जांच करते रहते हैं कि खाना मिला या नहीं। किसी को भोजन और खाद्यान्न चाहिए तो यहां फोन कर सकते हैं- 0562 2454209

हर किसी का दिल जीत रहे

आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन बताते हैं कि चौ. विकास रावत द्वारा बनवाए गए ऐप के बाद ही खाद्यान्न पैकेट वितरण शुरू किया है। यह सुनिश्चित हो गया है कि अगर कोई व्यक्ति खाद्यान्न पैकेट ले गया तो से एक माह ही दूसरा पैकेट मिलेगा। ऐप बनने से पारदर्शिता आई है। ऐप के संबंध में डीएम से बात की थी तो उन्होंने अवगत कराया था कि एडीएण वित्त और चौ. विकास रावत बनवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंच ने खाद्यान्न पैकेट की तैयारी 15 दिन पहले ही कर ली थी, लेकिन ऐप बनते ही छह मई को लॉन्च कर दी है। पहले हम सिर्फ भोजन के पैकेट दे रहे थे। चौ. विकास समाजसेवी संस्थाओं की हर समस्या का समाधान भी करते हैं। ताज्जुब है कि यूपी पुलिस में इस तरह के लोग भी हैं, जो हर किसी का दिल जीत रहे हैं। भारत विकास परिषद के डॉ. तरुण शर्मा कहते हैं- मुझे लगता है कि शायद ही प्रदेश के किसी अन्य जिले में, प्रशासन व समाज के सहयोग से, इस प्रकार से सुव्यवस्थित एवं सतत सेवा कार्य चला होगा।