akbar jodha

जोधा-अकबर की असली कहानी जानकर आप अपना माथा पीट लेंगे

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. इतिहास में जोधाबाई का नाम रहस्य बना हुआ है। प्रचारित है कि जोधाबाई मुगल शासक अकबर की बेगम थी। इसी आधार पर मुगल-ए-आजम फिल्म में इसका जिक्र किया गया है। टीवी धारावाहिक जोधा-अकबर बन गया। हकीकत कुछ और ही है। जोधाबाई वास्तव में अकबर की बेगम नहीं बल्कि ताजमहल के निर्माता शाहजहां की मां थी। जोधाबाई का मकबरा अर्जुन नगर में देखा जा सकता है।

अकबर ने कभी विश्वास ही नहीं किया

इतिहासकार राजकिशोर राजे ने अपनी पुस्तक ‘ये कैसा इतिहास’ में जोधाबाई के रहस्य से पर्दा उठाया है। उन्होंने छह पुस्तकों के हवाले से जोधाबाई के संबंध में प्रचारित किए गए झूठ का खुलासा किया है। इतिहास में अकबर की बेगम, आमेर के राजा भारमल की पुत्री[BP1] [BP2]  और जहांगीर की मां का नाम जोधाबाई के रूप में लिखा और पढ़ा जाता है। उसका अकबर से विवाह जनवरी 1562 में राजस्थान के सांभर नामक स्थान पर हुआ था। अकबर ने इसको ‘मरियम-ए-जमानी’ का खिताब दिया था। मुगलकालीन पुस्तकों आइन-ए-अकबरी, अकबरनामा, तबकाते-अकबरी तथा तुजक-ए-जहांगीरी में जोधाबाई नाम ढूंढे नहीं मिलता है। इसके बाद भी पुरातत्व विभाग ने फतेहपुर सीकरी में एक बड़े महल का नाम जोधाबाई महल घोषित कर रखा है। हकीकत यह है कि जोधाबाई ने अकबर के हरम में उपेक्षित स्त्री के रूप में रही। राजपूत होने के कारण अकबर ने जहांगीर की मां पर कभी विश्वास ही नहीं किया।

ऐसा हाल था

अकबर के पुत्र सलीम (जहांगीर) ने जब भी अवज्ञा की तो उसे समझाने का काम अपनी बुआ गुलबदन बेगम, अपनी मां हमीदा बानो और सलीम की सौतेली मां सलीमा बेगम को सौंपा गया। 1602 में जब सलीम ने स्वयं को इलाहाबाद में बादशाह घोषित कर दिया था तो उसे समझाने सलीमा बेगम को भेजा गया। 1604 में अकबर की मां हमीदा बानो का देहांत हो गया। तब सलीम आगरा आया तो राजा शालिवाहन की देखरेख में गुसलखाने में बंद कर दिया गया। यह देख सलीम की बहनों ने उसकी पैरवी की। जोधाबाई का कहीं कोई जिक्र नहीं है। विवाह के बाद अकबर ने राजपूत बेगम को सिर्फ एक बार मायके आमेर जाने दिया। वह भी तब जब उसका भाई भूपत एक लड़ाई में अकबर की ओर से लड़ता हुआ मारा गया था।

जहांगीर की पत्नी

वास्तव में जोधाबाई उर्फ मानमती उर्फ जगत गुंसाई सलीम (जहांगीर) की मां नहीं बल्कि उसकी पत्नी का नाम था। वह जोधपुर के मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री थी। यही शाहजहां की मां थी। इसी जोधाबाई का मकबरा आगरा में बाराखंबा में है। यहं सिर्फ एक छतरी बची है।

क्या कहते हैं राजकिशोर राजे

इतिहासकार राजकिशोर राज का कहना है कि अकबर की पत्नी और जहांगीर की मां का वास्तविक नाम क्या था और मुगल हरम में उसकी क्या स्थिति थी, इस पर शोध किए जाने की जरूरत है। इतना तो प्रमाणित है कि जोधाबाई, जहांगीर की मां थी अकबर की पत्नी नहीं।

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