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BJP किसको हटाएगी हरद्वार दुबे या प्रांशु या गामा दुबे, योगेन्द्र उपाध्याय या अलौकिक, गिर्राज कुशवाह या रेखा

NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा नियम बनाया है कि बड़े नेताओं की सांस अटक गई है। हाल यह है कि सांसद, विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष तक मुश्किल में पड़ गए हैं। आगरा की बात करें तो राज्य सभा सदस्य हरद्वार दुबे, उनके पुत्र प्रांशु दुबे या उनके भाई गामा दुबे में से एक ही व्यक्ति पार्टी पद पर रहेगा। इसी तरह आगरा दक्षिण से विधायक योगेन्द्र उपाध्याय और उनके पुत्र अलौकिक उपाध्याय में से कोई एक ही रहेगा।

क्या है आदेश

पिछले दिनों भाजपा उत्तर प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने आगरा में बैठक की थी। इसमें निर्देश दिया था कि किसी व्यक्ति पर दो पद हैं तो एक पद छोड़ना पड़ेगा। अगर परिवार में रक्त संबंधी में दो पदाधिकारी हैं, तो उनमें से एक ही रहेगा। मतलब एक को पद छोड़ना होगा। इस आदेश का उद्देश्य है पार्टी में एक व्यक्ति एक पद को सख्ती से लागू करना। पूरे उत्तर प्रदेश में यह नियम लागू होना है। अब इस सख्ती से लागू किया जाना है।

अब आइए जानते हैं इस आदेश का आगरा पर क्या असर होगा

हरद्वार दुबे सांसद राज्यसभा, उनके पुत्र प्रांशु दुबे महानगर उपाध्यक्ष हैं। साथ ही हरद्वार दुबे के भ्राता गामा दुबे आगरा विकास प्राधिकरण बोर्ड के सदस्य हैं। इनमें से कोई एक ही रहेगा।

आगरा दक्षिण से विधायक योगेन्द्र उपाध्याय हैं। उनके पुत्र अलौकिक उपाध्यक्ष युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं।

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष गिर्राज कुशवाह हैं और उनकी पत्नी रेखा कुशवाह आगरा नगर निगम की पार्षद हैं।

नवल तिवारी पार्षद और भाजपा बृज क्षेत्र क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी हैं।

अशोक पिप्लल महानगर मंत्री और क्षेत्रीय मंत्री हैं।

दीपिका लाल क्षेत्रीय सदस्य और महिला मोर्चा में क्षेत्रीय कार्यालय सह मंत्री हैं।

जेडी शर्मा पार्षद और भाजपा महानगर महामंत्री हैं।

बबलू लोधी पार्षद और महानगर उपाध्यक्ष हैं।

रश्मि सिंह धाकड़ श्रम आय़ोग की सदस्य और महानगर महामंत्री हैं।

मेघराज सोलंकी भाजपा जिला उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य हैं।

शिवकुमार भाजपा जिला मंत्री और जिला पंचायत सदस्य हैं।

क्या कहते हैं नवल तिवारी

इस बारे में क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवल तिवारी को फोन किया तो पहले वे इधर-उधर की बातें करते रहे। सवाल को टालने का प्रयास किया। ज्यादा पूछताछ की तो बताया- पार्टी एक पद-एक व्यक्ति का सिद्धांत लागू कर रही है। साथ ही रक्त संबंधी नियम भी लागू कर रही है। रक्त संबंध में एक ही व्यक्ति पर एक पद रहेगा। रक्त संबंध में अगर दो लोगों पर पद हैं तो इनमें से एक को पद छोड़ना होगा।