Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा।, किसान नेता अब जिला मुख्यालय से दूर गांव की चौपाल पर व्यस्त हैं। अभी तक सरकार को अपनी धमक दिखाने के लिए बार-बार जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने की रणनीति को बदल दिया है। नये कृषि कानूनों के विरोध में जब किसानों को जिला मुख्यालय पर आवाज बुलंद नहीं करने दी गई तो उन्होंने गांव-गांव चौपाल लगाना शुरू कर दिया है। धरना-प्रदर्शन से रोकने पर उन्होंने इस कानून के संबंध में दूसरे किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। किसान नेता इस कानून की खामियां किसानों को गिना रहे हैं।
हक और अधिकार छीने जाते हैं, कोई देने नहीं आता
एक तरफ सरकार और उनकी पार्टी के पदांधिकारी कृषि कानूनों के संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए उनके साथ बैठकें कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इसके विरोध में भी चौपालें लगनी शुरू हो गई हैं। किसान नेता श्याम सिंह चाहर और सोमवीर यादव के नेतृत्व में गुतिला गांव में चौपाल हुई। श्याम सिंह चाहर ने कहा कि कांट्रेक्ट फार्मिंग का छूट मिलने से आने वाले समय में किसान निजी कंपनियों का गुलाम बन जाएगा। भाजपा सरकार किसानों को दबाने में लगी है, उनका उत्पीड़न कर रही है। सोमवीर यादव ने कहा कि सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का काम करेंगे। साथ ही दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करेंगे। प्रथ्वी सिंह ने कहा कि हक और अधिकार छीने जाते हैं। कोई देने नहीं आता। इसलिए अब किसानों को जागने की जरूरत है। गुतिला के बाद किसान नेता आसपास के दूसरे गांवों में चैपाल लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितनी अधिक चौपालें आयोजित होंगी, उतने अधिक किसान हमसे जुड़ेंगे।
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