संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरुवार को रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद UNHRC से निलंबित कर दिया. इसके बाद रूस ने कहा है कि ये निर्णय पश्चिमी देशों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है न कि मानवाधिकारों की स्थिति के आधार पर.
संयुक्त राष्ट्र में रूस के मिशन ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया. इसमें कहा गया, “अमेरिका का ये प्रस्ताव अवैध और राजनीति से प्रेरित है. इसका मक़सद एक ऐसे संप्रभु राष्ट्र पर दबाव बनाना है जिसके पास स्वतंत्र विदेश और घरेलू नीति है.”
रूस ने कहा कि ये प्रस्ताव वैश्विक रिश्तों के लिए ख़तरनाक है और निलंबन से पहले ही 7 अप्रैल 2022 को रूसी संघ ने मानवाधिकार परिषद से बाहर निकलने का फ़ैसला कर दिया था.
रूस ने ये भी कहा कि कुछ देशों का एक समूह अपने हित साधने के मक़सद से मानवाधिकार परिषद का इस्तेमाल कर रहा है.
यूक्रेन के शहर बूचा में मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों के बाद गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र ने रूस को मानवाधिकार परिषद से बाहर करने का फ़ैसला किया था.
संयुक्त राष्ट्र में रूस को यूएनएचसीआर से निलंबित करने के प्रस्ताव पर हुए मतदान में 93 देशों ने समर्थन में, 24 ने विरोध में वोट किया. 58 देश अनुपस्थित रहे.
इस वोटिंग के दौरान भारत अनुपस्थित रहा. संयुक्त राष्ट्र में रूस के ख़िलाफ़ आए प्रस्तावों पर मतदान के दौरान भारत अब तक अनुपस्थित ही रहा है.
-एजेंसियां
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