आगरा से तड़ी पार कर कानपुर संबद्ध किए गए, संयुक्त निदेशक अलीगढ़ जांच अधिकारी नामित
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आखिरकार राजकीय प्रशिक्षण संस्थान (आईटीई) बल्केश्वर में लम्बे समय से चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुल ही गई। प्रैक्टिकल में 95 फीसदी नम्बर दिलाने के नाम पर प्रति छात्र 6500 रुपये की मांग करने वाले आईटीआई के अनुदेशक विवेक प्रताप लवानिया निलंबित कर दिया गया है। उन्हें संयुक्त निदेशक कानपुर से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही दंड निर्धारित करने के लिए संयुक्त निदेशक ((प्रशि०/शिक्षु) अलीगढ़ को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
बता दें कि आई.टी.आई. बल्केश्वर में अनुदेशक वर्कशाप कैलकुलेशन एण्ड साइंस विवेक प्रताप लवानियां के दो ऑडियो वायरल हुए थे। इनमें वे मनमाफिक नम्बर दिलाने के लिए 6500 रुपये प्रति छात्र की रिश्वत मांग रहे थे। इसका एक छात्र ने ऑडियो बना लिया। फिर आई.टी.आई. बल्केश्वर के प्रधानाचार्य से लिखित शिकायत की कि 6000 रुपये मांग रहे हैं। छात्रों ने मांग की थी कि विवेक प्रताप लवानिया को अन्य शाखा में भेजा जाए। इस मामले ने तूल पकड़ा तो जांच करनी पड़ी। आरोप सिद्ध पाया गया। इस पर निदेशक आईटीआई कुणाल सिल्कू ने लवानिया को 10 जून, 2024 को निलंबित कर दिया।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आईटीआई बल्केश्वर में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की घटनाएं होती रहती हैं। इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है। विवेक प्रताप लवानिया पहले भी इस तरह की हरकतें करते रहे हैं लेकिन पकड़ में पहली बार आए हैं। वह भी इसलिए कि प्रकरण मीडिया में उछल गया था।
निदेशक द्वारा जारी कार्यालय आदेश
संयुक्त निदेशक (प्रशि०/शिक्षु) आगरा मण्डल आगरा के पत्रांक-347////2024 दिनांक 03.06.2024 एवं प्रधानाचार्य, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आगरा के पत्र संख्या- शिकायत/जांच रिपोर्ट विवेक लवानियां/2024/875, दिनांक 01.06.2024 द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांच आख्या के आधार पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, आगरा में तैनात श्री विवेक प्रताप लवानियां, अनुदेशक-य कैलकुलेशन एण्ड साइंस द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँव आख्या में आरोप प्रथम दृष्टया सिद्ध पाये जाने के कारण सम्यक विचारोपरान्त उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 में निहित प्राविधानों के आलोक में विभागीय कार्यवाही संस्थित कर तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए श्री विवेक प्रताप लवानियां, अनुदेशक को संयुक्त निदेशक (प्रशि०/ शिशु०), कार्यालय कानपुर मण्डल, कानपुर में संबद्ध किया जाता है।
2. निलम्बन अवधि में श्री विवेक प्रताप लवानियां, अनुदेशक वर्कशाप कैलकुलेशन एण्ड साइंस को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 भाग-2 से 4 मूल नियम-53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता यदि ऐसा वेतन देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे कर्मचारी का जीवन निर्वाह भतों के साथ कोई अन्य भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन के पूर्व प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्तों की उपान्तिक समायोजन प्राप्त नहीं था। निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे, जब तक उसका समाधान नहीं हो जायेगा कि उनके द्वारा उस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
3. उपरोक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा जब श्री विवेक प्रताप लवानियां, अनुदेशक इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि वह किसी अन्य सेवायोजन/व्यापार वृत्ति एवं व्यवसाय में नहीं लगे हैं।
4. उक्त संस्थित विभागीय कार्यवाही हेतु संयुक्त निदेशक (प्रशि०/शिक्षु), अलीगढ़ मण्डल, अलीगढ़ को जाच अधिकारी नामित किया जाता है।
6500 रुपये दो, प्रैक्टिकल में 95 प्रतिशत नम्बर लो, यह कहानी है ITI बल्केश्वर आगरा की, ऑडियो वायरल
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