नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ज़किया जाफ़री की याचिका को ख़ारिज कर दिया है. इस याचिका में 2002 के गुजरात दंगे के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को एसआईटी से मिली क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फ़ैसला सुनाया. इससे पहले गुजरात दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जाँच दल ने भी तत्कालिक मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी.
ज़किया जाफ़री ने सुप्रीम कोर्ट में बीते साल 9 दिसंबर 2021 को याचिका दाख़िल की थी. ज़किया कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की पत्नी हैं.
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 8 फ़रवरी 2012 को मामला बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल की थी. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं हैं. इसके साथ ही निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इनको क्लीन चिट दे दी थी.
क्या था मामला: 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगने के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में हुए दंगे में गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गये थे. जिसमें पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे.
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 8 फरवरी, 2012 को नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी. जिसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल थे. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक कोई सबूत नहीं है. इस रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया जाफरी ने हाईकोर्ट का रुख किया था जिसे 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.
-एजेंसियां
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