घोड़े, ऊंट और गणेश जी की सवारी संग निकला बाबा का डोला, प्रदोष काल में होगा कुंभ में प्रवेश
आगरा। ऊंट, घोड़े, ढोल−ताशे और बम भोले की जय जयकार आगरा से लेकर प्रयागराज तक गूंजती हुयी चली, बाबा मनः कामेश्वर नाथ की सवारी चली…45 वर्ष बाद आगरावासियों के गौरवांवित होने का अवसर प्रदान करते हुए श्रीमनः कामेश्वर मंदिर मठ का महाकुंभ में लगने जा रहे शिविर के लिए आगरा से बाबा के डोले ने धूमधाम के साथ प्रस्थान किया।
शुक्रवार को विधिविधान से पूजन कर महंत योगेश पुरी ने श्रीमनःकामेश्वर नाथ बाबा की आरती उतारकर डोले को प्रस्थान करवाया। डोले की अगुवाई प्रथम पूज्य गणेश जी की सवारी कर रही थी। सवारी से आगे ऊंट, घोड़े चल रहे थे। एक दर्जन बैंडबाजों के साथ श्रीमनःकामेश्वर बाबा के स्वरूप के डोले ने नगर भ्रमण किया।
दरेसी, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, बेलनगंज, छत्ता बाजार होते हुए बाबा का डोला प्रयागराज महाकुंभ के लिए प्रस्थान कर गया। आगरा से करीब 50 वाहन भी श्रद्धालुओं को लेकर गए हैं। डोले के संग श्रद्धालु झूमते गाते हुए नगरवासियों को महाकुंभ का आमंत्रण देते हुए चले।
मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरूआत होने जा रही है। 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा। 1980 के बाद ये पहला अवसर है जब आगरा से श्रीमनः कामेश्वर मंदिर मठ का शिविर महाकुंभ में लग रहा है। डेढ़ महीने तक चलने वाले महाकुंभ में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए सभी नगरवासी आमंत्रित हैं।
वैदिक विधान से होगी बाबा की स्थापना
श्रीमहंत योगेश पुरी ने बताया कि श्रीमनःकामेश्वर बाबा का डोला शनिवार को प्रदोष काल में संगम नगरी में प्रवेश करेगा। द्वार एवं कुंभ पूजन मंगलाचरण और वैदिक मंत्रों के साथ नगर प्रवेश होगा। बाबा के स्वरूप एवं ध्वज की प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रतिदिन रुद्रार्चन एवं पार्थिव शिवलिंग का रुद्राभिषेक होगा।
निःशुल्क रहेगी भोजन व्यवस्था
मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान लगने वाले मंदिर के शिविर में दो समय का भोजन एवं नाश्ता पूर्णतः निःशुल्क रहेगा। महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आयोजन है, इसलिए महाकुंभ में संस्कृत भाषा का अधिक से अधिक प्रचार मठ द्वारा किया जाएगा।
शिविर की ये रहेगी विशेषता
महाकुंभ में श्रीमनःकामेश्वर मंदिर मठ का शिविर संगम स्थल प्लाट नंबर 50, सेक्टर 9 में लगा है। शिविर को 100 गुना 150 वर्गफीट में तैयार किया गया है। शिविर में 50 बिस्तर की डोरमेट्री के साथ बाबा का भव्य मंदिर होगा। सत्संग हॉल में मंदिर के श्रीमहंत योगेश पुरी विराजमान रहेंगे और यहीं संत− महात्माओं के बैठने के स्थान के साथ आध्यात्मिक परिचर्चा होगी।
भोजनालय भी बनाया गया है। भोजन के लिए सामग्री से भरा ट्रक गुरुवार को ही प्रस्थान कर गया था। 20 से 25 सेवायत हर समय उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही आगरा के चिकित्सकों का दल भी समय− समय पर अपनी सेवाएं देगा।
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