निरंकारी मिशन ने आयोजित किया विशाल बाल समागम, पुस्तक ‘गुरुदेव हरदेव’ से पूछे सवाल
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Agra, Uttar Pradesh, India. रविवार को संत निरंकारी मंडल की आगरा जोनल इंचार्ज माता कान्ता जी की हज़ूरी में संत निरंकारी सत्संग भवन पर एक विशाल बाल संत समागम का आयोजन किया गया। सत्संग का मुख्य विषय ‘बच्चों को संवारें आध्यात्म से’ रहा।
इस अवसर पर बाल संगत के बच्चों ने विभिन्न कलाओं जैसे गीत, कव्वाली, अंताक्षरी, प्रश्न -उत्तर, प्रेरक विचार व कवितायें इत्यादि के माध्यम से मिशन की शिक्षाओं को प्रस्तुत किया। प्रश्न- उत्तर में मिशन की साहित्यिक पुस्तक ‘गुरुदेव हरदेव’ में से विभिन्न क्षेत्रों से आये बच्चों से निरंकारी मिशन के इतिहास व मानवता से जुड़े प्रश्न पूछे गए जिसका बच्चो ने बखूबी जवाब दिया। बच्चों द्वारा अवतार वाणी के शब्दों द्वारा खेली गयी अंताक्षरी रही आकर्षण का केंद्र।
मिशन की आगरा जोनल इंचार्ज माता कान्ता जी ने बच्चों की प्रस्तुति पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे तभी अच्छा बोलते व करते हैं जब उन्हें अच्छा माहौल मिलता है। बच्चों के बदलाव का कारण उनका निरंकारी सत्संग में भाग लेना है इसलिए नयी पीढ़ी के लिए पढ़ाई एवं आध्यात्म दोनों ही ज़रूरी हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रह्म ज्ञान सभी दुनयावी ज्ञानों से श्रेष्ठ है। जब हम निरंकार का ध्यान करते हैं तो सफलता स्वयं प्राप्त होती है । जब परमात्मा का ज्ञान मिलता है तो जीवन में ठहराव आता है। जिस प्रकार से बचपन में सीखा गया ज्ञान हमें पूरी उम्र याद रहता है व काम आता है उसी प्रकार बचपन में सत्संग भी अत्यंत आवश्यक है।
बाल संगत की इंचार्ज बहन जयश्री करमचंदानी जी ने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज नयी पीढ़ी को अच्छी सोच प्रदान कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर आध्यात्म के साथ जुड़कर नयी पीढ़ी अपनी प्रतिभा का सही इस्तेमाल करें तो वह समाज व देश ही नहीं बल्कि समस्त मानव मात्र के लिए कल्याणकारी होगी। इसी उद्देश्य को लेकर विभिन्न स्थानो पर बाल संत समागम आयोजित किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज कि युवा पीढ़ी नशे की ओर बढ़ रही है जो मानवता को व समाज को शर्मसार कर रही है। आज निरंकारी मिशन द्वारा बच्चों को मानवता की सेवा व भक्ति द्वारा जीवन जीने कि प्रेरणा दी जा रही है जिससे कि एक आदर्श समाज कि संरचना की जा सके मनुष्य़ को ईश्वर ने सबसे सुन्दर काया दी है अतः हमें सदैव उसका सदुपयोग करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निरंकारी सेवादल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।