हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों, A.M. और P.M. का मतलब होता है:
A.M. : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
और
P.M. : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)
एंटी यानि पहले और पोस्ट यानि बाद में, लेकिन यह कभी भी स्पष्ट नहीं किया गया कि किसके पहले और किसके बाद? क्योंकि ये चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।
“किसके = जहां कारक खुद गौण है।”
हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब सब कुछ साफ साफ दृष्टिगत है:
A.M. = आरोहनम मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
और
P.M. = पतनम मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसी को विदेशियों ने गौण कर दिया। कैसे गौण किया ये सोचनीय है और बेतुका भी। भ्रम इसलिये पैदा होता है कि अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस ‘अर्थ’ को नहीं इंगित करते जो कि वास्तविक में है।
आरोहणम् मार्तडस्य् Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव) और पतनम् मार्तडस्य् Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।
दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है आरोहनम मार्तण्डस्य (AM) और बारह के बाद सूर्य का अवसान/ पतन होता है ‘पतनम मार्तण्डस्य’ (PM)।
प्रस्तुतिः डॉ. हरेन्द्र सिंह
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