Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा। जिला प्रशासन ने इस बात की विधिवतरूप से घोषणा कर दी है कि इस साल गोवर्धन में लगने वाला मुडिया पूर्णिमा मेला नहीं लगेगा। इसके लिए कोविड-19 से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को जिम्मेदार बताया है। इस संबंध में समस्त सरकारी विभागों को भी सूचित कर दिया गया है। हालांकि इस पर फैसला लेने से पहले मुडिया संतों के अलावा प्रमुख मंदिरों के प्रबंधकों, समाजसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों के साथ जिला प्रशासन ने लम्बा विचार-विमर्श किया था। मेला को आयोजित करने अथवा नहीं करने को लेकर लोगों के विचार भी आमंत्रित किये गये थे। इसके बाद विधवतरूप से जिला प्रशासन ने मेला आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया। पांच दिवसीय मेले का इस बार आयोजन एक से पांच जुलाई तक होना था।
जिला प्रशासन ने विधवतरूप से की मेला निरस्तीकरण की सूचना
इसको लेकर सुरक्षा दृष्टि से भी पुख्ता इंतजाम किये जाते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से पुलिस अधीक्षक नगर, यातायात, ग्रामीण को भी अवगत करा दिया गया है। इसके अलावा समस्त क्षेत्राधिकारियों और थाना प्रभारियों को भी लिखित में इस की सूचना दे दी गई है। वहीं रोडवेज सहित दूसरे विभागों को भी बाकायदा इसकी सूचना प्रेषित कर दी गई है।
30 जून के बाद भी अधिकांश मंदिरों के खुलने को लेकर बरक है संशय
दूसरी ओर श्रीकृष्ण जन्मस्थान और द्वारकाधीश मंदिर के अलावा दूसरे सभी प्रमुख मंदिर बंद हैं। 30 जून तक इन्हें बंद रखने जाने की घोषणा की गई थी। जिस तरह के हालात हैं और जो जिला प्रशासन की गाइड लाइन हैं जिसके तहत मंदिर खोले जा सकते हैं उन्हें देखते हुए संभावना यही जताई जा रही है कि अभी भी प्रमुख मंदिर खुलने में संशय है। वृंदावन के ठा.बांकेबिहारी मंदिर, गोवर्धन के मुकुट मुखारबिंद मंदिर, वृंदावन के ही प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, गोकुल, महावन, बल्देव सहित दूसरे धार्मिक स्थलों पर मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं हालांकि प्रयास यही हो रहे हैं कि वृंदावन के ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर के पट जुलाई माह में श्रद्धालुओं के लिए खोले जा सकते हैं।
30 जून के बाद मंदिर खोलने पर विचार
गुरुवार को अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा एवं ठाकुर श्री बांकेबिहारी जी मंदिर के सेवा अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें 30 जून के बाद बांकेबिहारी मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोलने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। बैठक में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य अतुल कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि ठाकुर श्री बांकेबिहारी जी महाराज को उनके भक्त दर्शनार्थियों से ज्यादा दिन दूर करना उचित नहीं है। ठाकुर जी के भक्त उनके दर्शन करने की प्रतीक्षा में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को मंदिरों के संदर्भ में तय गाइडलाइन में भी परिवर्तन करना चाहिए। दर्शन के लिए पांच दर्शनार्थियों के स्थान पर ढाई सौ की अनुमति प्रदान की जाए। इसमें मंदिर के सेवायत भी शामिल हों। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत मोहन बिहारी गोस्वामी और प्रदीप गोस्वामी ने कहा कि देश के सभी प्रमुख मंदिर देवालय खोले जा चुके हैं। अब बांकेबिहारी मंदिर को भी दर्शनार्थियों और आम सेवायत के लिए खोला जाए। बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 मार्च से मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया था।
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