योगी आदित्यनाथ का ये निर्देश क्या ‘प्रभु’ मानेंगे?

योगी आदित्यनाथ का ये निर्देश क्या ‘प्रभु’ मानेंगे?

HEALTH NATIONAL REGIONAL

Lucknow (Uttar Pradesh, India) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के रोगियों की रिकवरी दर को और बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वृद्धजन, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बीमार तथा कमजोर व्यक्तियों की मेडिकल टेस्टिंग का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए अधिकाधिक टेस्ट करने की बात कही है। यहां बात आगरा की का जाए तो डीएम आगरा कम से कम टेस्ट कर रहे हैं। इसी कारण निजी अस्पतालों को कोरोना परीक्षण की अनुमति नहीं दी है। सवाल यह है है कि क्या डीएम आगरा प्रभु एन सिंह मुख्यमंत्री का निर्देश मानेंगे?

अधिक से अधिक परीक्षण करें
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश में टेस्टिंग संख्या में लगातार वृद्धि किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक मेडिकल टेस्ट करके कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन, आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से 40 से 45 हजार टेस्ट प्रतिदिन तथा ट्रूनैट मशीन से 2,500 से 3,000 टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं।

कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि महानिदेशक, स्वास्थ्य तथा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के अनुरूप समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराएं। इसके लिए दोनों अधिकारी माइक्रो एनालिसिस करते हुए स्वास्थ्य सम्बन्धी पुख्ता इन्तजाम करें। उन्होंने महानिदेशक, स्वास्थ्य को प्रत्येक जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से तथा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा को प्रत्येक मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल से नियमित संवाद रखने के निर्देश दिए हैं।

48 घंटे ऑक्सीजन का बैकअप रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड अस्पतालों में आॅक्सीजन की सुचारु व्यवस्था के साथ-साथ 48 घण्टे का आॅक्सीजन बैकअप रखा जाए। एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के सभी बेड्स पर आॅक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। एल-2 कोविड चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहें। उन्होंने कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता पर बल देते हुए कहा कि दवा के अभाव में उपचार प्रभावित नहीं होना चाहिए।


बचाव के उपायों पर भी ध्यान दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की अभी तक कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हुई है। इस रोग से बचाव ही इसका उपचार है। ऐसे में यह आवश्यक है कि चिकित्सक तथा शोधकर्ता प्रदेश में सफलतापूर्वक उपचारित किए गए रोगियों की केस हिस्ट्री का गहन अध्ययन करते हुए प्रभावी उपचार विधि को विकसित करने का प्रयास करें।

स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आए श्रमिकों और कामगारों की स्किल मैपिंग की गई है। इसके दृष्टिगत श्रमिकों तथा कामगारों की दक्षता के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। इस कार्य में मदद प्रदान करने के लिए जनपदों के जिला सेवायोजन कार्यालयों को सक्रिय किया जाए। प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित किए गए विशेष आर्थिक पैकेज के माध्यम से स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए चरणबद्ध रूप से कार्य किए जाने पर बल दिया है।

ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद एवं सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।