Hathras (Uttar Pradesh, India)। कोरोना वायरस नामक महामारी ने लगभग सभी देशों में अपने पैर पसार लिए हैं। इसके चलते देशों में लॉकडाउन लगाए गए और बेरोजगारी भी बड़ गई है। लोगों पर अब आर्थिक संकट का खतरा मंडराने लगा है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में तो एक व्यक्ति ने जमा पूंजी खत्म हो जाने के बाद। आत्महत्या का निर्णय लिया। जिसके लिए पुलिस किसी फ़रिश्ते से कम बनकर सामने नहीं आई। आमतौर पर पुलिस तमाम आरोपों के घेरे में खड़ी दिखती है। लेकिन इस कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में पुलिस को लाखों लोगों ने दुआएं भी दी है।
खाने-पीने की समस्या
दरअसल, हाथरस सदर कोतवाली इलाके की श्याम नगर कॉलोनी निवासी मेंबर सिंह मजदूरी कर अपने परिवार को पालता था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे काम नहीं मिला और अब अनलॉक -01 में भी उसे अभी तक काम नहीं मिला था। ऐसे में किराए के मकान में रहने वाले मेंबर के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई। उसने पड़ोसियों को अपनी समस्या बताई, मगर किसी ने मदद को हाथ आगे नहीं बढ़ाए। जिसके बाद मेंबर ने आत्महत्या करने की ठानी।
कंट्रोल रूम पर दी जानकारी
पीड़ित मेंबर ने कंट्रोल रूम में फोन कर आत्महत्या करने की जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस उसके पास पहुंची और उसे हाथरस सदर कोतवाली ले आई। जहां कोतवाली प्रभारी जगदीश चंद ने उसकी पत्नी को थाने बुलाकर जरूरत के मुताबिक एक महीने का राशन और 5500 रुपये की आर्थिक सहायता दी, जिसे पाकर उसका परिवार काफी खुश हो गया। अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि सूचना मिली थी एक व्यक्ति किराया न दे पाने, राशन न होने के कारण आत्महत्या करने जा रहा है। तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित व्यक्ति को परिवार सहित कोतवाली ले आई। जहां उनको राशन देने के साथ आर्थिक सहायता प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि किसी को भी ऐसा कदम उठाने की जरूरत नहीं है। कंट्रोल रूम पर फोन कर अपनी समस्या बताएं।
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