डॉ. भानु प्रताप सिंह
Agra, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में 94-बाह विधानसभा सीट यूं तो अनारक्षित है लेकिन यह भदावर राजघराने के लिए आरक्षित हो गई थी। राजघराने का कोई सदस्य चुनाव मैदान में नहीं उतरा तभी किसी अन्य प्रत्याशी की जीत हुई थी। पिछले चुनाव में राजघराने का तिलिस्म टूट गया। महेंद्र अरिदमन सिंह चुनाव हार गए और बसपा के मधुसूदन शर्मा ने यहां नीला झंडा फहरा दिया। अरदिमन सिंह अपनी हार का बदला 2017 में रानी पक्षालिका सिंह को जिताकर लिया। बाह सीट पर ठाकुर और ब्राह्मण मतदाता मिल जाएं तो किसी को भी जिता और हरा सकते हैं। इस समय रानी पक्षालिका सिंह विधायक हैं। भाजपा ने 2022 में भी उन्हीं पर भरोसा जताया है। विपक्ष बँटा हुआ है, इसलिए उनकी जीत को आसान माना जा रहा है।
आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर शंभूनाथ चतुर्वेदी ने विजयश्री हासिल की थी। 1957 में राजा भदावर महेंद्र रिपुदमन सिंह (सोशलिस्ट पार्टी) ने चुनाव लड़ा और आसान जीत हासिल की। 1962 में रिपुदमन सिंह ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी। इसके चलते कांग्रेस की विद्यावती राठौर ने चुनाव जीत लिया। 1967 में जनसंघ के टिकट पर रामदास ने चुनाव जीता। 1969 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर रामचरन जीते। इन चुनावों में भदावर परिवार चुनाव से दूर रहा।
1974 में महेंद्र रिपुदमन सिंह ने फिर भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। 1977 में जनता पार्टी और 1980 लोकदल के टिकट पर चुनाव जीते। 1985 में भदावर परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ा। इससे कांग्रेस के टिकट पर अमरचंद्र शर्मा ने चुनाव जीता। महेंद्र रिपुदमन सिंह के देहावसान के बाद 1989 में उनके उत्तराधिकारी के रूप में महेंद्र अरिदमन सिंह ने चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अमरचंद्र शर्मा को पराजित किया। 1991 में राम लहर चल रही थी। भाजपा की स्थिति भी मजबूत थी। इसके बाद भी अरिदमन सिंह (जनता दल) का मुकाबला कांग्रेस के अमरचंद्र शर्मा से हुआ। अमरचंद्र फिर हार गए। 1993 के चुनाव में अरिदमन सिंह ने जनता दल के टिकट पर फिर से चुनाव जीत लिया। लगातार तीन बार की जीत ने बता दिया कि बाह में राजनीतिक निष्ठाओं का कोई महत्व नहीं है।
1996 के चुनाव से पहले अरिदमन सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया। चुनाव जीत गए। पार्टी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया। 2002 में भी भाजपा के टिकट पर अरिदमन सिंह ने चुनाव जीता। सपा से संतोष चौधरी और कांग्रेस से अमरचंद्र शर्मा हार गए थे।
2007 में अरिदमन सिंह बाह में फिर से भाजपा का कमल नहीं खिला सके। इस बार बाजी हाथ लगी बसपा के मधुसूदन शर्मा के हाथ। अरिदमन सिंह की हार से हर कोई अचंभित रह गया था। कांग्रेस के अमरचंद शर्मा एक बार फिर चुनाव हार गए थे।
2012 के चुनाव में पुराने प्रतिद्वंद्वी सामने आए। थोड़ा से अंतर आ आया। अरदिमन सिंह भाजपा के स्थान पर सपा के टिकट पर चुनाव लड़े। बसपा से मधुसूदन शर्मा और कांग्रेस से अमरचंद्र शर्मा प्रत्याशी थे। भाजपा ने आकाशदीप तिवारी को टिकट दिया। उनका मुख्य कारोबार दिल्ली में है। अरिदमन सिंह ने लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर फतेहपुरसीकरी से लड़ा था। वहां कोई चमत्कार नहीं कर सके थे।
बाहः 2017 का चुनाव परिणाम
रानी पक्षलिका सिंह, भाजपा, 80,567 (41.79%)
मधुसूदन शर्मा, बसपा, 57,427 (29.79%)
अंशुरानी निषाद, सपा, 46,885
बाहः 2012 का चुनाव परिणाम
अरिदमन सिंह, सपा, 99,379 (54%)
मधुसूदन शर्मा, बसपा, 72,908 (40%)
आकाशदीप, भाजपा, 2,401
2022 में मतदाता
पुरुष मतदाता 181878
महिला मतदाता 150842
किन्नर मतदाता 13
कुल मतदाता 332733
पांच साल में बढ़े मतदाता
पुरुष 2687
महिला 7397
कुल 12085
18-19 साल के नए मतदाता
4383
मतदान की तारीख: गुरुवार, 10 फरवरी 2022
मतगणना की तारीख: गुरुवार, 10 मार्च 2022
वर्ष विजेता
1952 शंभूनाथ चतुर्वेदी (कांग्रेस)
1957 महेंद्र रिपुदमन सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)
1962 विद्यावती राठौर (कांग्रेस)
1967 रामदास (जनसंघ)
1969 रामचरन (सोशलिस्ट पार्टी)
1974 महेंद्र रिपुदमन सिंह (भारतीय क्रांति दल)
1977 महेंद्र रिपुदमन सिंह (जनता पार्टी)
1980 महेंद्र रिपुदमन सिंह (लोकदल)
1985 अमरचंद्र शर्मा (कांग्रेस)
1989 महेंद्र अरिदमन सिंह (जनता दल)
1991 महेंद्र अरिदमन सिंह (जनता जल)
1993 महेंद्र अरिदन सिंह (जनता दल)
1996 महेंद्र अरिदमन सिंह (भाजपा)
2002 महेंद्र अरिदमन सिंह (भाजपा)
2007 मधुसूदन शर्मा (बसपा)
2012 राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह (सपा)
2017 रानी पक्षालिका सिंह (बाह)
UP Election 2022: 86- एत्मादपुर विधानसभा सीट: सिर्फ एक बार खिला है कमल, भाजपा के सामने कड़ी चुनौती
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