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UP Election 2022: 86- एत्मादपुर विधानसभा सीट: सिर्फ एक बार खिला है कमल, भाजपा के सामने कड़ी चुनौती

Election POLITICS REGIONAL

पांच बार विधायक रहे चंद्रभान मौर्य ने हर चुनाव में पार्टी बदली, 1962 तक चुने जाते थे दो विधायक

 

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. 2017 के चुनाव से पहले एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी के लिए पहेली की तरह था क्योंकि इससे पहले कभी भाजपा ने यह सीट नहीं जीती थी। हां, भाजपा के सहयोगी दल जरूर सीट निकालने में कामयाब रहे। पहली बार राम प्रताप सिंह चौहान ने भाजपा को यह सीट जिताकर दी। वह भी करीब 50 हजार मतों से। 1993 का चुनाव भाजपा के लिए मायने रखता है। भाजपा प्रत्याशी घनश्याम प्रेमी की हार के बाद कार्यकर्ता रो रहे थे। इस क्षेत्र को चौधरी चरण सिंह की विचारधारा से प्रभावित क्षेत्र माना जाता था लेकिन बसपा की जीत के बाद यह मिथक भी टूट गया है। नए परिसीमन के तहत सीट अनारक्षित है। 2022 के चुनाव में भाजपा ने रामप्रताप सिंह चौहान का टिकट काटकर जनमोर्चा,  कांग्रेस, बसपा और सपा होते हुए भादपा में शामिल हुए डॉ, धर्मपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। 2012 में वे एत्मादपुर से प्रत्याशी थे। 2017 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में 90 हजार से अधिक वोट लेकर आए थे। श्री चौहान के समर्थक भी यह चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इस तरह भाजपा के सामने कड़ी चुनौती है।

1952 से 1962 तक हुए तीन चुनावों में एत्मादपुर से दो विधायकों का चुनाव होता था। एक सामान्य तो दूसरा अनुसूचित जाति का। तब नारखी और टूंडला विकास खंड भी इसी का हिस्सा हुआ करते थे। 1967 में हुए परिसीमन के बाद इन्हें हटा दिया गया। अब टूंडला अलग विधानसभा क्षेत्र है। 1952 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सुरक्षित सीट पर पुत्तूलाल जाटव और सामान्य सीट पर उल्फत सिंह चौहान जीते थे। 1957 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर सामान्य सीट से राम सिंह चौहान और कांग्रेस के टिकट पर सुरक्षित सीट पर गंगाधर जाटव विजयी रहे। 1962 में सोशलिस्ट पार्टी के चौधरी मुल्तान सिंह (सामान्य सीट) और शिवचरन लाल (सुरक्षित सीट) चुनाव जीते। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका था।

1967 में एत्मादपुर को स्वतंत्र विधानसभा क्षेत्र घोषित कर दिया गया। सोशलिस्ट पार्टी के चौ. मुल्तान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया। 1969 के मध्यावधि चुनाव में भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चौ. मुल्तान सिंह जीते। यह उनकी लगातार तीसरी बार जीत थी। इसके साथ ही यह भी माना गया कि चौ. चरण सिंह के अनुयायी यहां बड़ी संख्या में हैं।

1974 में एत्मादपुर को सुरक्षित सीट घोषित कर दिया गया। भारतीय क्रांति दल ने शिवचरन लाल को टिकट दिया और वे चुनाव भी जीते। 1977 में जनता लहर के दौरान जनता पार्टी ने चंद्रभान मौर्य पर दांव लगाया। उन्होंने जीत हासिल की। 1980 में स्थिति बदल गई। कांग्रेस प्रत्याशी महाराज सिंह ने चुनाव जीता। 1985 में वोटरों ने लोकदल के प्रत्याशी चंद्रभान मौर्य को विधानसभा में पहुंचाया। कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र कमलेश थे।

1989 में चंद्रभान मौर्य ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। 1991 के चुनाव में मौर्य जनता दल (अजित) के साथ आ गए। वे फिर से चुनाव जीत गए। 1993 में चंद्रभान मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया। भाजपा ने घनश्याम प्रेमी को चुनाव लड़ाया। पूरी पार्टी ने करो या मरो के आधार पर चुनाव लड़ा। मामूली वोटों से प्रेमी की हार हो गई। इस हार को भाजपा कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं कर सके थे। इस संवाददाता ने मतगणना स्थल पर एत्मादपुर के भाजपाइयों को रोते हुए देखा था।

1996 का चुनाव भी यहां रोचक रहा है। बसपा प्रत्याशी गंगा प्रसाद पुष्कर ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया था। इस चुनाव में घनश्याम प्रेमी पाला बदलकर भाजपा से सपा में आ गए थे। पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया था। चंद्रभान मौर्य पाला बदलकर भाजपा में आ गए। उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इस पर उन्होंने पाला बदला और फिर से सपा में पहुंच गए।

2002 रालोद और भाजपा में गठबंधन था। गंगा प्रसाद पुष्कर को रालोद ने चुनाव लड़ाया और जीते। चंद्रभान मौर्य सपा के प्रत्याशी थे। श्याम प्रकाश बोधी ने बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा।

2007 में बसपा के नारायन सिंह सुमन ने नीला झंडा फहराया। भाजपा की बेबीरानी मार्य उनके मुकाबले चुनाव हार गईं। 2017 में यह सीट अब सामान्य हो गई। बेबीरानी मौर्य अब आगरा ग्रामीण से प्रत्याशी हैं।

 

2022 में मतदाता

पुरुष मतदाता 2,41,284

महिला मतदाता 2,00,582

किन्नर मतदाता 18

कुल मतदाता 4,41,887

 

पांच साल में बढ़े मतदाता

पुरुष 11871

महिला 13254

कुल 25124

 

18-19 साल के नए मतदाता

6261

 


मतदान की तारीख: गुरुवार, 10 फरवरी 2022

मतगणना की तारीख: गुरुवार, 10 मार्च 2022

 

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2017 के विधानसभा चुनाव में एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राम प्रताप सिंह ने बसपा के डॉक्टर धर्मपाल सिंह को चुनाव में शिकस्त दी थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर धर्मपाल सिंह बसपा के विधायक चुने गए थे। 10 साल तक यह सीट बसपा के कब्जे में थी, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की आंधी में बसपा यह सीट बचाने में नाकाम रही।

इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राम प्रताप सिंह को 1,37,381 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के डॉक्टर धर्मपाल सिंह को 90,126 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की राजबेती थीं, जिन्हें 46,925 वोट मिले थे, जबकि चौथे नंबर पर रालोद के नरेंद्र सिंह बघेल थे. उन्हें 3496 वोट मिले थे।

2017 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर पार्टियों का वोट शेयर

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा का वोट शेयर 48.66 प्रतिशत था, जबकि दूसरे नंबर पर रही बसपा का वोट शेयर 31.92 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 15.56 प्रतिशत और रालोद का वोट शेयर 1.24 प्रतिशत था।

2017 चुनाव परिणाम

कुल निर्वाचक          417,210

कुल मतदान            284,202

मतदान प्रतिशत        68.12%

विजेता के वोट         137,381

वोट प्रतिशत           48.34%

जीत का अंतर          47,255

मार्जिन प्रतिशत        16.63%

 

2017 चुनाव परिणामः प्रत्याशी, पार्टी, वोट, प्रतिशत

1          राम प्रताप सिंह         भाजपा     137381            48.34%

2          डॉ धर्मपाल सिंह       बसपा      90126  31.71%

3          राज बेटी   सपा        43925  15.46%

4          नरेंद्र सिंह   रालोद      3496    1.23%

5          राजेश कुमार कश्यप    निर्बल भारतीय शोषित हमारा आम दल       2213    0.78%

6          अटल बिहारी          राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी            1204    0.42%

7          नवीन कुमार            निर्दलीय    945      0.33%

8          उमेश चंद्र  निर्दलीय    607      0.21%

9          प्रेमचंद     निर्दलीय    541      0.19%

10        लखन कुमार           निर्दलीय    430      0.15%

11        सुनील पंकज           जन अधिकार मंच      389      0.14%

12        महेंद्र सिंह  भारतीय सर्वोदय पार्टी  381      0.13%

13        विजय सिंह बघेल      राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी        290      0.10%

14        मलखान सिंह          भारत एकतवादी रिपब्लिकन पार्टी 202      0.07%

15        गौरव       राष्ट्रीय लोक समता पार्टी          200      0.07%

 

लेखा-जोखा

वर्ष          विजेता

1952    उल्फत सिंह चौहान (कांग्रेस)

पुत्तूलाल जाटव (कांग्रेस)

1957    राम सिंह चौहान (सोशलिस्ट पार्टी)

गंगाधर जाटव (कांग्रेस)

1962    चौ. मुल्तान सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)

शिवचरन लाल (सोशलिस्ट पार्टी)

1967    चौ. मुल्तान सिंह (सोशलिस्ट पार्टी)

1969    चौ. मुल्तान सिंह (बीकेडी)

1974    शिवचरन लाल (बीकेडी)

1977    चंद्रभान मौर्य (जनता पार्टी)

1980    महाराज सिंह (कांग्रेस)

1985    चंद्रभान मौर्य (लोकदल)

1989    चंद्रभान मौर्य (जनता दल)

1991    चंद्रभान मौर्य (जनता दल अजित)

1993    चंद्रभान मौर्य (सपा)

1996    गंगा प्रसाद पुष्कर (बसपा)

2002    गंगा प्रसाद पुष्कर (रालेद)

2007    नारायन सिंह सुमन (बसपा)

2012 डॉ. धर्मपा सिंह (बसपा)

2017 रामप्रताप सिंह चौहान (भाजपा)

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Dr. Bhanu Pratap Singh