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UP Election 2022: 89- आगरा उत्तर विधानसभा सीट: 1985 से भाजपा का सबसे मजबूत दुर्ग, हर तीस मार खां को पटखनी, अग्रवालों की बुंदरघुड़की

Election POLITICS REGIONAL

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. उत्तर प्रदेश में आगरा जिले की उत्तर विधासभा सीट (पूर्ववर्ती आगरा पूर्वी) से वैश्य प्रत्याशी ही चुनाव जीत सका है। यहां के वोटरों ने 1977 में चौंकाने वाला परिणाम दिया। जनता पार्टी की लहर के बाद भी कांग्रेस के गैर वैश्य प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार सिंधू चुनाव जीत गए थे। वैश्य प्रत्याशी की करारी हार हुई थी। इस समय यहां से भाजपा के पुरुषोत्तम खंडेलवाल विधायक हैं। 2019 में जगन प्रसाद गर्ग रकी मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने शानदार जीत हासिल की। 2022 के चुनाव में भी भाजपा ने पुरुषोत्तम खंडेलवाल पर ही भरोसा जताया है। अग्रवाल समाज के तमाम लोग उनका विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि अग्रवाल को टिकट दिया जाए। वैश्य समाज ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इसे बंदरघुड़की के रूप में लिया जा रहा है। इस सीट पर सर्वाधिक वोट वैश्यों का है। दूसरे नम्बर पर जाटव आते हैं।

आजादी के बाद पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ। तब कांग्रेस के प्रत्याशी बाबूलाल मित्तल ने जनसंघ प्रत्याशी राय बहादुर कन्हैया लाल को हराया था। इसके बाद कांग्रेस जीतती गई। वर्ष 1957 के चुनाव में कांग्रेस के आदिराम सिंघल विजयी रहे। उन्होंने जनसंघ के प्रत्याशी बालोजी अग्रवाल को हराया। बालोजी अग्रवाल ने हार नहीं मानी। वे जनता की सेवा में जुटे रहे। जनता ने इसका फल दिया। 1962 के चुनाव में बालोजी अग्रवाल निर्दलीय प्रत्याशी होते हुए भी जीत गए। 1967 में बालोजी अग्रवाल हार गए। कांग्रेस के आदिराम सिंघल भी हार गए। जनसंघ के प्रत्याशी रमाशंकर अग्रवाल को विजयश्री मिली।

1969 में मध्यावधि चुनाव हुआ। पिछले दो चुनावों में हार चुकी कांग्रेस के दिन बहुरे। कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. प्रकाश नारायण गुप्ता ने जीत हासिल की। उनका मुकाबला आरपीआई प्रत्याशी से हुआ। 1974 में भी डॉ. प्रकाश नारायण गुप्ता जीते। उन्होंने जनसंघ के प्रत्याशी सत्यप्रकाश विकल को हराया। सबसे रोचक चुनाव 1977 का रहा। जनता लहर से प्रभावित होकर डॉ. प्रकाश नारायण गुप्ता ने कांग्रेस छोड़ दी। जनता पार्टी ने उन्हें टिकट दिया। कांग्रेस के खिलाफ माहौल था। इसके बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुरेंद्र कुमार सिंधू विजयी रहे। इसके साथ ही यह भ्रम टूट गया कि इस सीट से कोई गैर वैश्य प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकता है।

1980 के चुनाव में कांग्रेस ने ओमप्रकाश जिंदल को टिकट दिया। उनके मुख्य मुकाबले में थे भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश विकल। जिंदल की जीत हुई। 1985 में भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश विकल जीत गए। पराजित कांग्रेस प्रत्याशी सतीशचंद्र गुप्ता ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी। चार साल बाद हाईकोर्ट ने सतीश चंद्र गुप्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें विधायक घोषित कर दिया गया।

1989 के चुनाव में भाजपा ने फिर से सत्यप्रकाश विकल को टिकट दिया। कांग्रेस से सतीशचंद्र गुप्ता थे। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। 1991 में भाजपा ने फिर से सत्यप्रकाश विकल को मौका दिया। उन्होंने रिकार्ड 20 हजार से अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी ओमप्रकाश जिंदल को हराया। इसके साथ ही आगरा पूर्वी सीट के बारे में कहा जाने लगा कि यह भाजपा का मजबूत दुर्ग है। 1993 में भाजपा की जीत बड़ी आसान हो गई। तब सपा ने रवि प्रकाश अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे। 1996 का चुनाव भी विकल के नाम रहा। कांग्रेस-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी बांके बिहारी अग्रवाल की हार हुई। कांग्रेस (तिवारी) की ओर से राम टंडन गैर वैश्य प्रत्याशी के रूप में थे। जनता ने उन्हें ठुकरा दिया।

विकल के निधन के बाद 1998 में उपचुनाव हुआ। भाजपा ने एकदम नए जगन प्रसाद गर्ग को टिकट दिया। भाजपाइयों ने इसका बहुत विरोध किया था। आरएसएस के हस्तक्षेप के बाद सबको अपने मुंह पर ताला लगाना पड़ा और चुनाव में जुटना पड़ा। उनके मुकाबले में थे कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद अग्रवाल। सपा ने रवि प्रकाश अग्रवाल और बसपा ने रमेश कुशवाह को टिकट दिया। पांच हजार मतों से जगन गर्ग चुनाव जीत गए। गोविंद अग्रवाल के लिए पूरी पार्टी एकजुट थी। इसके बाद भी वे हार गए। इस बात का मलाल कांग्रेसियों को आज तक है। 2002 और 2007 में भाजपा के जगन प्रसाद गर्ग फिर चुनाव जीते। 2007 के चुनाव में बसपा ने भाजपा का पत्ता काट दिया। शहर की दो अन्य सीटों पर नीला झंडा फहरा दिया लेकिन आगरा पूर्वी का किला अभेद्य ही रहा।

 

आगरा उत्तरः 2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम

2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जगन प्रसाद गर्ग चुनाव जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने बसपा  के राजेश कुमार अग्रवाल को शिकस्त दी थी। भाजपा प्रत्याशी जगन प्रसाद गर्ग को चुनाव में 68,401 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के राजेश कुमार अग्रवाल को 45,045 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के सुमित गुप्ता थे, जिन्हें 38,258 वोट मिले थे. समाजवादी पार्टी  के उम्मीदवार अभिनव शर्मा चौथे नंबर पर थे और उन्हें 29,499 वोट मिले थे।

आगरा उत्तरः 2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम

2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जगन प्रसाद गर्ग लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। इस बार उन्होंने बसपा के ज्ञानेंद्र गौतम को चुनाव हराया था। इस चुनाव में भाजपा के जगन प्रसाद गर्ग को 1,35,120 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के ज्ञानेंद्र गौतम को 48,800 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के अतुल गर्ग को 36,739 वोट मिले थे।

 

2022 में मतदाता

पुरुष मतदाता 233318

महिला मतदाता 197161

किन्नर मतदाता 18

कुल मतदाता 430497

 

पांच साल में बढ़े मतदाता

पुरुष 16770

महिला 18280

कुल 35048

 

18-19 साल के नए मतदाता

3860

 


मतदान की तारीख: गुरुवार, 10 फरवरी 2022

मतगणना की तारीख: गुरुवार, 10 मार्च 2022

 

 

 

वर्ष          विजयी

1952    बाबूलाल मित्तल (कांग्रेस)

1957    आदिराम सिंघल (कांग्रेस)

1962    बालोजी अग्रवाल (निर्दलीय)

1967    रमाशंकर अग्रवाल (जनसंघ)

1969    डॉ. प्रकाश नारायण गुप्ता (कांग्रेस)

1974    डॉ. प्रकाश नारायण गुप्ता (कांग्रेस)

1977    सुरेंद्र कुमार सिंधू  (कांग्रेस)

1980    ओमप्रकाश जिंदल (कांग्रेस)

1985    सत्य प्रकाश विकल (भाजपा)

1989    सत्यप्रकाश विकल (भाजपा)

1991    सत्यप्रकाश विकल (भाजपा)

1993    सत्यप्रकाश विकल (भाजपा)

1996    सत्यप्रकाश विकल (भाजपा)

1998    जगन प्रसाद गर्ग (भाजपा)

2002    जगन प्रसाद गर्ग (भाजपा)

2007    जगन प्रसाद गर्ग (भाजपा)

2012 जगन प्रसाद गर्ग (भाजपा)

2017 जगन प्रसाद गर्ग (भाजपा)

2019 उपचुनाव में पुरुषोत्तम खंडेलवाल (भाजपा)

 

Dr. Bhanu Pratap Singh