Dadaji maharaj agra

राधास्वामी मत के गुरु दादाजी महाराज की अंतिम यात्रा आज, हजारों सतसंगी कर रहे प्रेमबानी का पाठ

RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. राधास्वामी मत के संस्थापक परम पुरुष पूरन धनी हजूर महाराज राधास्वामी दयाल के प्रपौत्र एवं राधास्वामी सतसंग के आदि केन्द्र हजूरी भवन, पीपल मंडी आगरा के पंचम अधिष्ठाता दादा जी महाराज (प्रो. अगम प्रसाद माथुर, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय) ने 25 जनवरी, 2023 को चोला छोड़ दिया। दादाजी महाराज का पार्थिव शरीर राधास्वामी मत के आदि केन्द्र हजूरी भवन में अंतिम दर्शन के लिए रखा हुआ है। राधास्वामी मत के अनुयायी आगरा पहुंच गए हैं। दादाजी महाराज का अंतिम संस्कार 27 जनवरी, 2023 को ताजगंज मोक्षधाम पर किया जाएगा।

दादाजी महाराज की अंतिम यात्रा हजूरी भवन से प्रातः 10 बजे शुरू होगी। रावतपाड़ा, दरेसी, हाथीघाट, यमुना किनारा होते हुए ताजगंज मोक्षधाम पहुंचेगी। राधास्वामी मत की परंपरानुसार दादाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हजूरी भवन में दादाजी महाराज की समाध का निर्माण भी किया जाना प्रस्तावित है।

 

हजूरी भवन में सतत रूप से पाठ चल रहा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु अनुशासनबद्ध हैं। सबके नेत्र सजल हैं। आगरा शहर की तमाम हस्तियां भी दादाजी महाराज को अंतिम प्रणाम करने के लिए पहुंच रही हैं। प्रोफेसर सुनील जैन तो दादाजी महाराज का पार्थिव शरीर देखकर रोने लगे।

राधास्वामी मत के गुरु दादाजी महाराज ने चोला छोड़ा, दया के एक युग का अंत

दादाजी महाराज के भ्राता डॉ. सरन प्रसाद माथुर, पुत्र डॉ. अतुल माथुर, भतीजे इंजीनियर विवेक माथुर, इंजीनियर आलोक माथुर, पौत्र सुमिर माथुर, सरल माथुर, सरस माथुर, अधर माथुर, अनहद माथुर आदि शोकमग्न हैं। सभी का कहना है कि गुरु महाराज के चले जाने से एक युग का अंत हो गया।

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दादाजी महाराज के पार्थिव शरीर के निकट बैठे हैं उनके भ्राता डॉ. सरन प्रसाद माथुर।

विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने राधास्वामी सत्संग, हज़ूरी भवन, आगरा के अधिष्ठाता परम पुरुष धनी दादाजी महाराज प्रोफेसर अगम प्रसाद माथुर जी के निधन पर शोक व्यक्त किया तथा पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि दादाजी महाराज के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।

purushottam khandelwal
विधायक purushottam khandelwal ने हजूरी भवन पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के पूर्व अध्यक्ष और होटल ग्रांड के स्वामी अरुण डंग ने श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए लिखा है- डॉ. अगम प्रसाद माथुर जी का निधन नगर की अपूर्ण क्षति है। वह मात्र राधास्वामी सत्संग के ही  अधिष्ठाता नहीं थे, अपितु गांधी युग के एक स्तंभ के रूप में भी प्रेरित करते थे। सुलहकुल के वृहद आयोजन में उनकी महती भूमिका थी। नगर की कई साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थाओं के वह जनक थे। भारत रत्न भूपेन हजारिका की अध्यक्षता में युवक बिरादरी (भारत) का रजत जयंती कार्यक्रम उन्हीं के सरंक्षण में सन 2000 में हुआ था। शहर ने एक ओजस्वी विद्वान, वक्ता, विचारक, प्रखर इतिहासकार और नई पीढ़ी का प्रेरक खो दिया।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh