‘चिनहट 1857’ के लोकार्पण के लोकार्पण में प्रो. रामवीर सिंह ने कहा- यदि 1857 न होता तो 1947 भी न हो पाता
लखनऊ विद्रोह पर राजगोपाल सिंह वर्मा की पुस्तक ‘चिनहट 1857’ के लोकार्पण और संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं ने रखे विचार इतिहास केवल पढ़ने से ही हासिल नहीं होता, उसे अर्जित करना पड़ता हैः प्रो. जगदीश्वर चतुर्वेदी 1857 में लखनऊ की रेजीडेंसी में ईस्ट इंडिया कंपनी को मिली पराजय ने अंग्रेजों को नए सिरे से छावनियां […]
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