Agra, Uttar Pradesh, India. जैन तीर्थस्थल दादाबाड़ी में आज बड़ा ही अजीब नजारा दिखाई दिया। जैन बंधु तलवारें लेकर पहुंचे वह भी बैंडबाजा के साथ। साथ में उनके परिजन भी थे। उनके सिर पर टोकरी में रखे थे संयम उपकरण। ये उपकरण जैन साधुओं को उस समय भेंट किए जाते हैं, जब वे मुनि दीक्षा ग्रहण करते हैं। एक बार फिर यही क्रम दोहराया गया। आगरा में चातुर्मास कर रहीं परमविदुषी साध्वी वैराग्य निधि महाराज इनकी अगवानी करने पहुंची। फिर तो जैन धर्म की जय-जयकार होने लगी। हर ओर उल्लास छा गया। सबके हृदय में भक्ति का प्रकम्पन हिलोरें मारने लगा।
चल रहा जैन धर्म ज्ञान शिविर
असल में उल्लेखनीय है कि जैन धर्म ज्ञान शिविर महावीर इंस्टीट्यूट एनएफएस-1 (नाइन फाइन शाइन मल्टी डायमेंशनल शिविर) और जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ द्वारा आयोजित है, जो 5 अक्टूबर, 2022 तक चलेगा। इसी के तहत रविवार को जैन साधु जिन उपकरणों का प्रयोग करते हैं, उनसे किस तरह से संयम की शिक्षा लेते हैं, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वैराग्य निधि महाराज ने ऐसी सूक्ष्म जानकारी दी जो शायद ही किसी के संज्ञान में हो।

बैंडबाजा के साथ पहुंचे
संयम उपकरणों को लेकर श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन, चातुर्मास समिति के संयोजक सुनील कुमार जैन, कविता जैन, ममता जैन, पूर्वा जैन, दुष्यंत जैन, रुचि जैन आदि बैंडबाजों के साथ लेकर आए। रथ में परमात्मा का विग्रह था। बैंजबाजे भक्ति धुन बिखेर रहे थे। भक्ति में डूबे श्रद्धालु नृत्य कर रहे थे। राजुकमार जैन और सुनील कुमार जैन के हाथों में तलवारें थीं लेकिन म्यान में। दादाबाड़ी में प्रवचन स्थल पर आते ही उत्साह द्विगुणित हो गया।
जिनके जीवन में हर वक्त वसंत है, वही संत
इस अवसर पर साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने कहा – जिनके जीवन में हर वक्त वसंत है, वही संत है। जगत में सदा सुखी मुनिराज। मोबाइल हमारे पास नहीं है, क्या हम कभी दुखी देखे हैं, क्या महाराज बेचारे दिखते है। बिना धन के भी विश्व के सर्वाधिक धनवान होते हैं जैन मुनि। साधु पैसा स्पर्श करे तो उसका दो कौड़ी का दाम है। जैन साधु पैसा स्पर्श नहीं करता, बिजली का बटन तक नहीं छूता, कच्चे पानी को हाथ नहीं लगाता, याचना करके खाता है, पात्र में अगर एक दाना भी छूट जाए तो 10 दिन तक उपवास करना पड़ता है। यह नियमावली भगवान महावीर स्वामी के समय से चली आ रही है। जैन संत वास्तव में लिविंग सरप्राइज हैं।

पूजा उपकरणों का रहस्य
वैराग्य निधि महाराज ने मंदिर जी में पूजा के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरण और उनके आध्यात्मिक रहस्य के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिमा को साक्षात भगवान माना जाता है, इसलिए जोर से नहीं रगड़ना चाहिए। प्रतिमा को दर्पण दिखाने का अर्थ है कि हम परमात्मा के निर्विकार मुख को देख रहे हैं। मंदिरों में शांतिनाथ भगवान की प्रतिमाएं इसलिए अधिक हैं कि उन्होंने मन में किसी के भी प्रति दुर्भाव नहीं आया।
इन उपकरणों का प्रयोग करते हैं जैन साधु
संयम वेश (श्वेत वस्त्र), काम्बली (जीव रक्षा के लिए), रजोहरण (आत्मा में कर्म रूपी रज को हरने वाला, वज्रस्वामी ने तीन वर्ष की उम्र में रजोहरण लेकर नृत्य किया), मुंह पत्ती (गुरु महाराज के चरण के रूप में, ढाई फोल्ड में ताकि मुंह में कोई जीव न जाए और अनावश्यक न बोलें), आसन (मोक्ष प्राप्ति का सूचक, सिद्धशिला का परिचायक), गौतम पात्र (काष्ठ का होता है, इसमें संयम की पूर्ति के लिए भोजन की याचना की जाती है, इच्छापूर्ति के लिए नहीं), स्वाध्याय (शास्त्र, ग्रुरु ग्रंथ साहिब, स्व का अध्ययन), नवकार वली (संसार था, है और रहेगा की सूचक), धर्म दंड (पानी की गहराई नापने, आते-जाते समय आलम्बन के लिए), पूंजनी (माला), संथारा (अंतिम समय में राग का संबंध न हो, अरिहंत की शरण में रहें, मोह को तोड़ना है)। वैराग्य निधि महाराज ने सभी उपकरणों की आध्यात्मिक व्याख्या की। साथ ही साध्वी श्री ऋजुमना ने हर उपकरण के बारे में बोर्ड पर लिखा। इन्हीं से संबंधित प्रश्न पूछे गए। सही उत्तर देने वालों को पुरस्कृत किया गया। डॉ. भानु प्रताप सिंह एक प्रश्न का सही उत्तर दिया तो उन्हें श्रीसंघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने पुरस्कृत किया।

बहुमान और अनुमोदना
श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने उद्बोधन में कहा कि प्रथम बार साधुओं के उपकरणों के बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने सचिन ललवानी के 13 उपवास की अनुमोदना की। कोटा श्री संघ से आए ओमकुमार जैन का बुहमान स्थानकवासी लोहामंडी के महामंत्री सुशील जैन और अर्पित वैद ने बहुमान किया। लोहामंडी के मुकेश जैन (पारस पर्ल्स) का बहुमान कमलचंद जैन और विपिन जैन ने किया। आज के लाभार्थी परिवार स्व. अशोक जैन सीए और ओमकुमार परिवार रहे।
12 और 13 अक्टूबर के कार्यक्रम
राजकुमार जैन ने बताया कि 13 अक्टूबर को वैराग्य अवतरण दिवस है। इसके बारे में अपने विवेक से विचार करें। 12 अक्टूबर को श्री संघ और आगरा विकास मंच रक्तदान व नेत्रदान शिवर लगाएगा। 13 अकटूबर को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सभी कार्यक्रम दादाबाड़ी में प्रातः आठ बजे से होंगे। सुशील जैन ने दो नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम का आमंत्रण साध्वी जी को दिया। अंत में जयति जैनम शासनम की कामना की गई।

उल्लेखनीय उपस्थिति
स्थानकवासी लोहामंडी समिति के महामंत्री सुशील जैन, संदेश जैन, केके कोठारी, अशोक कोठारी, ध्रुव जैन, रॉबिन जैन, प्रकाश, अर्पित वैद, संजय चौरड़िया, प्रमोद, प्रेम, आयुष ललवानी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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