श्रीलंका से अयोध्या तक अंतरराष्ट्रीय काव्य यात्रा, राम वनगमन के 249 स्थानों पर जाएंगे, 130 घंटे का अखंड काव्यपाठ होगा

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Agra, Uttar Pradesh, India. राष्ट्रीय कवि संगम संस्था बड़ा आयोजन करने जा रही है। 14 जनवरी 2022 मकर संक्रांति के दिन श्रीलंका से चलकर 1 मार्च 2022 महाशिवरात्रि के दिन तक की श्रीराम वनगमन पथ अंतरराष्ट्रीय काव्ययात्रा आयोजित कर रहा है। इस विराट काव्ययात्रा में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य, राम वनगमन के 249 स्थानों के शोधकर्ता डॉ. राम अवतार शर्मा तथा श्याम गुप्ता द्वारा देश भर में 100000 से अधिक चलाए जाने वाले एकल विद्यालयों वाला एकल संस्थान भी सहभागी होगा।

इन संस्थाओं से संबंधित हजारों कार्यकर्ता उन सभी 249 स्थानों की यात्रा करेंगे जिन पर 14 वर्षों के वनवास के दौरान श्री राम, लक्ष्मण और जानकी ने यात्रा की थी। इन संस्थाओं का उद्देश्य श्रीराम के काम आए वनबंधुओं के वंशजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। इस दौरान राम जन्मभूमि अयोध्या की पावन रज सभी स्थानों पर स्थापित की जाएगी। गाँवों की मिट्टी अयोध्या मंदिर में स्थापित की जाएगी ।

राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने बताया कि मुख्य यात्रा श्रीलंका, रामेश्वरम, पंचवटी, किष्किंधा, चित्रकूट आदि 40 प्रमुख स्थानों से होती हुई अयोध्या पहुंचेगी, जहाँ 130 घंटों का अखंड काव्यपाठ होगा, जिसमें देश के सभी प्रांतों और भाषाओं के कवियों के साथ विश्व के 20 से अधिक देशों के रामभक्त कवि भी अपना-अपना काव्यपाठ प्रस्तुत करेंगे। इस अभूतपूर्व योजना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश, परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष मुनि चिदानंद,  वीर रस के सर्वोच्च कवि डॉ. हरिओम पँवार के साथ- साथ सभी रामभक्त देशवासियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। यह जानकारी कवि गया प्रसाद मौर्य ने दी।