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संसार में कोई राजा है तो कोई रंक, कोई विद्वान हो तो कोई निपट मूरख, साध्वी वैराग्य निधि ने बताया कारण

RELIGION/ CULTURE

 

जयपुर से आए जैन सोशल ग्रुप के भूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल संचेती का बहुमान

जयकारों के बीच साध्वी जी की सांसारिक भाभी श्री डिम्पल कोचर का जोरदार सम्मान

Agra, Uttar Pradesh, India.  जैन धर्म ज्ञान शिविर के आठवें दिन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने धर्म चक्र और कर्म चक्र पर आधारित मानव जीवन पर कर्म का प्रभाव समझाया। उन्होंने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी। संसार में अनेक विविधता और विसंगतियों का कारण हमारे कर्म हैं।

 

उल्लेखनीय है कि जैन धर्म ज्ञान शिविर महावीर इंस्टीट्यूट एनएफएस-1 (नाइन फाइन शाइन मल्टी डायमेंशनल शिविर) और जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ द्वारा आयोजित है, जो 5 अक्टूबर, 2022 तक चलेगा। शिविरार्थियों के संबोधित करते हुए साध्वी जी न कहा कि राजा, रंक, विद्वान, मूर्ख, दीर्घायु, अल्पायु का भेद ईश्वर के कारण नहीं बल्कि कर्म के कारण हैं। कर्म व आत्मा अनादिकाल से साथ है। तप, त्याग, आत्मशुद्धि की साधना से कर्म पूरी तरह आत्मा से अलग हो जाते हैं, तब केवल शुद्ध आत्मा शेष रहती है, जो परमात्मा कहलाती है।

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जयपुर से पधारे जैन सोशल ग्रुप के भूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल संचेती का श्री संघ की ओर से बहुमान किया गया।

जयपुर से पधारे जैन सोशल ग्रुप के भूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल संचेती का श्री संघ की ओर से बहुमान किया गया। श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा कि संचेती जी का मानवता के प्रति समर्पण और साधु -साध्वी के प्रति सेवा का भाव अनुकरणीय है आगरा विकास मंच नेत्रदान, देहदान और रक्तदान पर जो भी कार्य कर पा रहा है, उसके प्रेरक आप ही हैं। बहुमान मे साथ दिया बृजेंद्र लोढ़ा, दुष्यंत जैन, राजेंद्र धारीवाल, हर्षित कोठारी व प्रेम ललवानी ने। टाटा नगर से पधारे राजेंद्र गोलेचा का सम्मान भी श्री संघ की ओर से किया गया।

 

वैराग्य निधि जी महाराज साहब की सांसारिक भाभी श्रीमती डिंपल कोचर का स्वागत जयकारों के बीच संघ की ओर से ममता जैन और ममता धारीवाल ने किया। साध्वी जी अपनी सांसारिक भाभी श्री तो सांसारिक भाभी मां के रूप में मानती हैं। इसका कारण यह है आपकी माता श्री दीक्षा ग्रहण के बाद जयणा श्री जी महाराज साहब के रूप में आपके साथ हैं।

 

इस मौके पर चातुर्मास समिति के प्रमुख सुनील कुमार जैन, महेंद्र जैन, बृजेंद्र लोढ़ा, शरद चौरड़िया, रोहित बोहरा, अंकित पाटनी, हर्षित कोठारी, अरिहंत वागचर की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Dr. Bhanu Pratap Singh