कुपोषण के खात्मे के लिए पोषण माह के रूप में मनेगा सितम्बर

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Hathras (Uttar Pradesh, India) ।   कुपोषण को जड़ से समाप्त करने पर सरकार का पूरा जोर है । इसी को ध्यान में रखते हुए  अधिकारियों को सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाए जाने के निर्देश दिए गए है।  इस वर्ष पोषण माह  दो मुख्य उद्देश्य पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित  तथा उनकी मॉनिटरिंग और दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाना । इसके साथ ही इस दौरान कोविड -19 के दिशा-निर्देशों का भी पूरी तरह से ध्यान रखना है ।

पोषण माह की गति को इस वर्ष भी बनाए रखने के लिए तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह सितंबर 2020 में बनाए जाने का निर्णय लिया गया है,  लेकिन कोविड-19 के दृष्टिगत राष्ट्रीय पोषण माह पारंपरिक नहीं बल्कि डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा। तकनीक का प्रयोग करते हुए गतिविधियों को  मनाया जाएगा। इस दौरान जिले में पोषण विषय पर अधिक से अधिक वर्चुअल बैठकों का आयोजन किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डी.के. सिंह ने बताया कि शासन द्वारा पोषण माह मनाए जाने के निर्देश दिए जा चुके है। कार्यक्रम का शुभारम्भ  पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु पर  राष्ट्रीय शोक होने के कारण नहीं हो सका। कार्यक्रम की शुरुआत अब अगले सोमवार से होगी। कार्यक्रमों के सफल आयोजनों के लिए सभी सीडीपीओ, सुपरवाइज़रों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए गए हैं।

पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में व्याप्त रोग एवं मृत्यु दर का प्रमुख कारण कुपोषण है। अति कुपोषित (सैम) बच्चों का   शीघ्र चिन्हांकन एवं संदर्भन  कुपोषण की जटिलताओं को कम करता है। इसलिए पोषण माह 2020 का एक मुख्य उद्देश्य सैम बच्चों को शीघ्र चिन्हांकन एवं सन्दर्भन है, जिसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा। फल एवं सब्जियां सूक्ष्य पोषक तत्व के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

अभियान के दौरान शिक्षा विभाग के माध्यम से पोषण विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। डिजिटल पोषण पंचायत आयोजित की जाएंगी।  पोषण से संबंधित विभागों के माध्यम  से वेबिनार  आयोजित होगी। डीपीओ ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, स्वच्छता, सैनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन किया जाएगा।।गर्भवती महिलाएं एवं 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे घर पर ही रहें।