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दुनियाभर के शिक्षाविदों ने दी कोरोना को लेकर नई चेतावनी

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Agra, Uttar Pradesh, India. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) में Post Covid 19: Tackling Challenges Through Transformative Management and Opportunities  विषय पर तीन दिवसीय वर्चुअल अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के समापन अवसर पर हावर्ड विश्वविद्यालय वाशिंगटन डीसी अमेरिका में प्रोफेसर नरेन्द्र के0. रूस्तगी ने कहा कि कोविड ने पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। मानव जीवन का हर क्षेत्र चाहे वह व्यवसाय हो, कृषि हो, शिक्षा हो या स्वास्थ्य हो, सभी कुछ प्रभावित हुआ है। इन चुनौतियों को पूरा विश्व मिलकर प्रबंधन करे तभी इसका समाधान निकल सकता है अन्यथा बहुत तरह की कठिनाइयां खड़ी होंगी जिनमें भुखमरी भी शामिल है।

इंटरनेशनल एकेडमी आफ बिजनेस  के अध्यक्ष तथा कोपिन स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका में प्रबंधन के प्रोफेसर एमुअल एनूरो ने कहा कि कोविड की चुनौतियों से उबरने के लिए प्रबंधन जरूरी है। इस संगोष्ठी में भारत, चीन,  अमेरिका नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, नार्वे सहित दुनिया के 9 देशों से  22 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभाग किया। आगरा विश्वविद्यालय (डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय) के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के निदेशक तथा संकायाध्यक्ष प्रो. लवकुश मिश्र ने भारत में आयोजन व संयोजक किया। इस संगोष्ठी में प्रतिदिन भारतीय समय के अनुसार अपरान्ह 3:30 बजे से रात 11:30 बजे तक लोगों ने विभिन्न सत्रों में विविध  विषयों पर अपने अपने शोध पत्र पढ़े।

प्रोफेसर लव कुश मिश्रा ने बताया कि वर्तमान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की प्रेरणा व संरक्षकत्व में आयोजित  इस अन्तर्राष्ट्रीय  संगोष्ठी में भारत, अमेरिका,चीन, दक्षिण अफ्रीका,नार्वे नाइजीरिया सहित दुनिया के अन्य देशों से लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। भारत से डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, लखनऊ विश्वविद्यालय, सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, महात्मा  ज्योतिबा फुले रुहेलखंड  विश्वविद्यालय, लखनऊ,  इंडियन टूरिज्म एन्ड हास्पिटेलिटी कांग्रेस, महाराजा बीर विक्रम विश्वविद्यालय त्रिपुरा इस आयोजन में सहयोगी संस्थान रहे।

इस संगोष्ठी में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के प्रोफेसर अनिल कोठारी,  रुहेलखंड   विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय मिश्रा, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, मध्य प्रदेश के प्रोफेसर महेश चंद श्रीवास्तव व प्रोफेसर अतुल पांडे, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज कुमार अग्रवाल, उत्तराखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर सी मिश्रा, मेघालय से नेहू के प्रोफेसर पुनीत गौतम व प्रोफेसर सौरभ दीक्षित, महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिहार से प्रोफेसर पवनेश कुमार सिंह, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोएडा के पूर्व कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा, डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय अयोध्या के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार दीक्षित, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर परीक्षित सिंह मन्हास ,इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट के निदेशक  प्रोफेसर आलोक शर्मा, निदेशक प्रोफेसर सौरभ दीक्षित ने भाग लिया।

इसके अलावा  आगरा से प्रो. शरद चंद उपाध्याय, डॉ. बीडी शुक्ल, प्रो. यू एन शुक्ला डॉ. शीतकंठ दुबे , डॉ. सोना दीक्षित व एचबीटीयू कानपुर के प्रोफेसर सीके तिवारी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीके उपाध्याय तथा आगरा के जाने-माने चिकित्सक डॉक्टर मुनीश्वर गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ बिजनेस वाशिंगटन,डी सी अमेरिका के व हावर्ड विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में  अमेरिका के प्रो. नरेन्द्र के रुस्तगी,  नाईजीरिया के प्रो. एमानुएल अनुरो, नार्वे की प्रोफ़ेसर कैथरीन लिन्स, कोपिन स्टेट यूनिवर्सिटी की राबिन बटलर का विशेष योगदान रहा।

क्लेफिन विश्वविद्यालय के प्रो. निकोलस, जे हिल न्यूयार्क  सिटी यूनिवर्सिटी  की प्रो, जो आदि ने भी विशेषज्ञ के रूप में बोलते हुए अपने अपने शोध व विचारों को साझा किया। इंडियाना यूनिवर्सिटी की प्रो. सुरेखा राव व आईलैंड यूनिवर्सिटी के प्रो. पी साहू ,  लिविंग स्टोन  विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निशा सिंह, यूनिवर्सिटी ऑफ यूओ के प्रोफेसर स्टेशन उच्चैनी, वर्जिनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सॉन्ग, ब्रिटिश यूनिवर्सिटी आफ ब्रिटिश कोलंबिया के प्रोफेसर के मिले, यूनिवर्सिटी आफ वेस्ट एलाबामा के प्रोफेसर उचेना आदि ने भी अपने शोध पत्र पढ़े।

Dr. Bhanu Pratap Singh