लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अब विद्यार्थियों को ई-केवाईसी के बिना स्मार्ट फोन और टैबलेट नहीं मिलेगा। शासन ने डुप्लीकेसी को रोकने के लिए यह निर्णय लिया है। महाविद्यालयों में हर विद्यार्थी की ई-केवाईसी यानी आधार का प्रमाणीकरण होगा।
आधार में किसी तरह की गड़बड़ी है तो विद्यार्थी पहले ही संशोधन करा लें। प्रदेश सरकार ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों के लिए टैबलेट और स्मार्ट फोन योजना संचालित की हुई है।
बता दें कि इस योजना के तहत यूपी के बागपत जिले में 24,136 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और 4,334 विद्यार्थियों को टैबलेट का वितरण किया जा चुका है। 67,818 विद्यार्थियों का डाटा डिजि शक्ति पोर्टल पर अपलोड है। इन विद्यार्थियों का डाटा सत्यापित किया जा रहा है। इस बीच शासन तक दो-दो बार योजना का लाभ लेने की शिकायत पहुंची है।
शिकायतों को देखते हुए शासन ने निर्णय लिया है कि अब सभी विद्यार्थियों का आधार प्रमाणीकरण किया जाएगा। आधार प्रमाणीकरण डिजि शक्ति पोर्टल पर ही ई-प्रमाण मेरी पहचान पोर्टल के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा।
आधार में गड़बड़ी है तो हो सकती है परेशानी
आधार प्रमाणीकरण के दौरान विवरण एक समान नहीं मिलता है तो विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने स्मार्ट फोन और टैबलेट वितरण में डुप्लीकेसी को रोकने के लिए विद्यार्थियों की ई-केवाईसी कराने के आदेश जारी किए हैं। आदेश से सभी महाविद्यालयों को अवगत करा दिया गया है।
साभार सहित
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