मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, 2 साल की सजा पर रोक, बहाल होगी विधायकी

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प्रयागराज। यूपी के बाहुबली रहे मुख्तार अंसारी के बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बुधवार को कोर्ट ने निचली अदालत से अब्बास अंसारी की मिली सजा पर रोक लगा दी है। अब्बास को भड़काऊ भाषण में 2 साल की सजा मिली थी। अब्बास की पुनरीक्षण याचिका पर जज समीर जैन ने सजा रद्द करने का फैसला सुनाया। मामले में अब्बास की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और एजीए संजय सिंह ने बहस की थी।

मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। इस दौरान एक चुनावी रैली में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा। फिर ट्रांसफर होगा।

इसके बाद तत्कालीन SI गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। 31 मई को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट का आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर फाइल मऊ से लखनऊ पहुंची, फिर रविवार के दिन विधानसभा सचिवालय खोला गया। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास की सदस्यता समाप्त कर सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी कर दिया था।

अब्बास अंसारी मऊपुर सदर सीट से विधायक थे। गत 1 जून को अब्बास की विधायकी चली गई थी। इसके बाद से चुनाव आयोग ने सीट से उपचुनाव होने की तैयारी शुरू कर दी थी। अब कोर्ट ने सजा रद्द कर दी है। इससे मऊपुर सीट पर चुनाव नहीं होगा। अब्बास को विधायक लौटाई जाएगी।

3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी ने एक चुनावी रैली में अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी थी। कहा था कि अधिकारियों का हिसाब-किताब करेंगे। इसके बाद 4 मार्च 2022 को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, भाई उमर अंसारी समेत 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ भड़काई भाषण देने में पर मुकदमा दर्ज किया था। 31 मई 2025 को सीजेएम कोर्ट ने अब्बास को 2 साल की सजा और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक थे। साल 2022 के चुनाव में अंसारी ने सीट जीती थी। विधानसभा चुनाव के बाद अब्बास सपा में आ गए थे।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh