देश की नई संसद बनकर तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसका उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हैं। उनका कहना है कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत सभी प्रमुख दल अपना विरोध जता रहे हैं, ऐसे में मायावती ने मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। गुरुवार को मायावती ने इस मसले पर तीन ट्वीट किए।
अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है। 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।’
मायावती ने दूसरे ट्वीट में लिखा है, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।’
सिलसिलेवार लिखे तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा, ‘देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।’
इस तरह मायावती ने राष्ट्रपति के सम्मान से जोड़ने की विपक्ष की कोशिशों को आइना दिखाते हुए याद दिलाया कि उन्होंने मुर्मू के खिलाफ प्रतिनिधि खड़ा किया था।
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