उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट छह माह बंद रहने के बाद रविवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और इसी के साथ चारों धामों की यात्रा शुरू हो गयी। गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से मशहूर अन्य तीन धाम-केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया के पर्व पर शुक्रवार को ही खोल दिए गए थे।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सूत्रों ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट पूरे विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निर्धारित मुहूर्त पर सुबह छह बजे खोल दिए गए।
भक्तिमय हुआ बदरीनाथ धाम
मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में भक्त मौजूद थे जो ‘जय बदरी विशाल’ का उद्घोष कर रहे थे। मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है, कपाट खुलने के बाद विशेष पूजा अर्चना की गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी। बदरीनाथ धाम में ब्रह्म मुहूर्त में सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। हल्की बारिश के बीच सेना के बैंड एवं ढोल नगाड़ों की धुन पर स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत और नृत्य ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विधि विधान के साथ खोले गए मंदिर के कपाट
पहले कुबेर जी, उद्धव जी एवं गाडू घड़ा को दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया फिर मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी समेत अन्य पदधिकारियों, मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। रावल ने इसके बाद गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिर के कपाट खुलने के एक दिन पहले से ही बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही सभी चारों धामों के कपाट खुल चुके हैं और चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गयी है।
पिछले साल पहुंचे थे इतने श्रद्धालु
पिछले साल बदरीनाथ में दर्शन के लिए रिकार्ड 1839591 श्रद्धालु पहुंचे थे और लोगों के उत्साह को देखते हुए राज्य सरकार को इस बार और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शनिवार शाम चार बजे तक सात लाख 37 हजार 885 श्रद्धालु बद्रीनाथ के लिए अपना आनलाइन पंजीकरण करवा चुके थे।
-एजेंसी
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर आगरा की महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा का बड़ा बयान - December 6, 2024
- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का आगरा जिला सम्मेलन अब 24 दिसंबर को, सुझावों के लिए वॉट्सअप नम्बर जारी - December 6, 2024
- स्वामी Sehjananda Saraswati: पर्यावरण को बचाने की जिद पर अड़ा एक साधु; बड़े नेताओं ने किया समर्थन - December 6, 2024