जल है तो कल है, पानी पीने का सही तरीका अहम

HEALTH PRESS RELEASE REGIONAL लेख

क्या हम एक गिलास पानी से हर तरह की बीमारी से दूर रह सकते है या उनसे बचा जा सकता है। तो निसंदेह इसका उत्तर या जवाब हां में है। कहते है की जल ही जीवन है इस धारणा को आज हम भूल गए है या दूसरे शब्दों में कहे तो इसका उचित मतलब नहीं पहचान पा रहे है, ऐसा भी कहा जा सकता है। एक वयस्क व्यक्ति को दिन में कम से कम 8 गिलास पानी या तीन से चार लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।

पुराने साहित्य और धार्मिक ग्रन्थ के अध्ययन की बात करें तो चिकित्सा विज्ञान भी इस सत्यता को मानने से इंकार नहीं करती। पानी पीना स्वास्थ्य को दर्शाता है। लेकिन इसे अनुचित तरीके से पीना नहीं, मुख्य बात यह है कि सभी को दैनिक आवश्यकता (1.5-2 लीटर / दिन) के अनुसार पानी पीना चाहिए। विज्ञान साबित करता है कि जब कोई व्यक्ति बहुत कम समय में बहुत अधिक पानी पीता है, तो गुर्दे पर अधिक दबाव पड़ता है। जल का एक व्यक्ति के जीवन में जितना  महत्व है उतना ही महत्वपूर्ण उसका सेवन करने का तरीका भी है। जो व्यक्ति इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करके अपने जीवन को एक नयी स्फूर्ति तथा नई काया दे सकता है। ज़िदगी तो सभी जीते है मगर एक स्वस्थ जीवन का आनंद उठाना किसको पसंद नही है और इस जीवन को प्राप्त करने के लिए हमें सिर्फ प्राकृतिक संसाधन के उचित प्रयोग की जरूरत है।

डॉ. शगुफ्ता परवीन

मेरा स्वास्थ्य मेरे हाथ में। ये विचारधारा सिर्फ कथन मात्र नहीं बल्कि एकदम सही परिकल्पना है। एकमात्र जल के सही प्रयोग से ही इस परिकल्पना की पुष्टि हो जाती है। हमें अपने दैनिक जीवन की क्रियाओं में एक आदत जैसे रात का रखा हुआ पानी पीने की ज़रूर बना लेनी चाहिए। शरीर में जल की कमी होने पर उसका स्थान वायु ग्रहण कर लेती है जो कब्ज़ और अपच की समस्या को जन्म देती है। जल से सीधे-सीधे हमें ऑक्सीजन मिलती है जो नाक और मुख के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करती है तथा खून को पतला करने में सहायक होती है। अन्यथा इसकी कमी से ह्रदय रोग का खतरा बना रहता है। इसलिए पानी पीने का सही तरीका अपनी दिनचर्या में शामिल मात्र करने से ही हम अपने स्वास्थ्य को अपने हाथों से में निर्धारित कर सकते है ।

जल का समुचित प्रयोग

– प्रातः उठकर पानी पीने का सिलसिला शुरू करने के बाद हर 1-2 घंटे के अन्तराल पर पानी पीना चाहिए ।
– भोजन करने के उपरांत पानी पीना नुकसानदायक है।
– भोजन करने से पूर्व पानी पीने से खाने की मात्रा  में कमी होने पर वज़न कम करने में सहायता मिलती है।
– गुनगुने जल के साथ तुलसी, काली मिर्च अदरक आदि का सेवन करने से साइनस, खांसी, जुकाम जैसे रोगों से बचा जा सकता है।
– इसी प्रकार कच्ची हल्दी के साथ गर्म पानी के सेवन से जोड़ों की समस्या का समाधान मिलता  है ये रक्त में शुद्धता लाता  है।
– आंवला के रस में पानी मिलाकर पीने से बाल, नाख़ून और त्वचा से संबंधित समस्या दूर होती है।
– लहसुन के साथ पानी लेने से लंबी और स्वस्थ्य वर्धक आयु प्राप्त होती है ।

पानी पीने का तरीका

इन बिंदुओं के अतिरिक्त हमें पानी पीने के कुछ नियमों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए जैसे:

इस्लामिक धारणा के अनुसार पानी पीने का भी सुन्नत तरीका है सुन्नत इस्लामी पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) की शिक्षाओं और प्रथाओं के आधार पर मुसलमानों के लिए आदर्श के रूप में निर्धारित जीवन का तरीका है। और कुरान की व्याख्या है। दुनिया भर के सभी मुसलमानों को अपने जीवन के हर मामले में सुन्नत का पालन करना आवश्यक है। यह लेख आपको पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) की सुन्नत के अनुसार पानी पीने के लिए मार्गदर्शन करेगा और यह मुसलमानों या गैर-मुस्लिमों के भेद के बिना दुनिया भर के सभी लोगों के लिए है। जो इस प्रकार है ।

– पानी हमेशा  बैठकर ही पीना चाहिए।
– पानी पीने में सीधे/दाहिना हाथ का प्रयोग करना चाहिए।
– खड़े होकर पानी पीना जोड़ों की दर्द का कारण बनता है।
– युरिनेशन  के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए ।
– पानी को एक साँस में नहीं बल्कि कम से कम तीन साँस में पीना चाहिए।
– फ्रिज का पानी पीना मृत्यु की तरफ एक कदम आगे बढ़ने के बराबर है।
– रात को सोने से पहले गुनगुना पानी का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है ।

इस प्रकार इन छोटी छोटी बातों को उपयोग  में लाने से बड़ी बड़ी बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है और कहा जा सकता है जल के उचित प्रयोग से हजारों रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। हमारा ध्यान बड़ी मात्रा में जल ग्रहण करने की और अधिक न होकर उसका सही प्रयोग की तरफ होना आवश्यक है ।

इस लेखन के माध्यम से अंत मे हमारा ध्यान इस ओर भी केन्द्रित करना भी है इस कोरोना महामारी के काल में पानी का अधिक दोहन, भबिष्य में पानी की कमी का खतरा और भी बढ़ता दिखाई दे रहा है  तो आवश्यकता है ऐसे उपाए करने की जिससे पानी भी बचे और ज़िदगी भी।

डॉ. शगुफ्ता परवीन
असिसटेंट प्रोफेसर
मंगलायतन विश्वविद्यालय