अब तो नहाने लायक भी नहीं बचा यूपी के कानपुर में गंगा का पानी, CPCB ने जारी की हैरान करने वाली रिपोर्ट

अब तो नहाने लायक भी नहीं बचा यूपी के कानपुर में गंगा का पानी, CPCB ने जारी की हैरान करने वाली रिपोर्ट

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लखनऊ। यूं तो मां गंगा को पतित पावनी कहा जाता है, लेकिन यूपी के कानपुर और आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण इतना है कि कानपुर में गंगा जल पीने को तो छोड़ ही दीजिए। अब तो नहाने योग्य भी नहीं बचा है। कई जगह तो गंगाजल इतना प्रदूषित हो चुका है कि उसे फिल्टर करके भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यह सभी बातें सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में सामने आई है। कानपुर में गंगा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि गंगाजल नहाने योग्य तक नहीं बचा है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कानपुर समेत आसपास के जिलों में गंगाजल की सैंपलिंग कराई गई थी, जिसमें गंगा के जल के कई टेस्ट कराए गए थे जिसमें इसमें मौजूद पॉल्यूशन और गंदगी के बारे में पता चल सके। वहीं रिपोर्ट में कई बेहद हैरान करने वाले तत्व सामने आए हैं। कानपुर के बिठूर से फतेहपुर के बीच गंगा का जल बेहद प्रदूषित मिला है।

कानपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषित होती है गंगा

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने गंगाजल की जो सैंपलिंग कराई थी। उसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, गंगा के पानी का पीएच लगातार तेजी से बढ़ रहा है. कई जगह पीएच वैल्यू 8 के पार हो गई है जो पानी के खारा होने के संकेत दे रही है। ऐसे में जल में रहने वाले जीव जंतुओं पर भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि इसका असर सबसे पहले जीव जंतुओं पर ही पड़ता है।

नहाने लायक भी नहीं रही गंगा

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के जल गुणवत्ता प्रबंधन के डायरेक्टर व विभाग प्रमुख अजीत विद्यार्थी ने बताया कि कानपुर समेत आसपास के जनपदों में गंगा के जल का सैंपलिंग कराई गई थी। ताकि इसमें देखा जा सके की गंगा का जल कैसा है? 10 जुलाई 24 जुलाई और 22 अगस्त को गंगाजल के सैंपल लिए गए थे जिनकी रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें यह तत्व सामने आया है की गंगा का पानी पीने लायक तो बिल्कुल नहीं है। बल्कि यह पानी अब नहाने योग्य भी नहीं बचा है यह बेहद प्रदूषित हो चुका है।

राम तेरी गंगा मैली हो गई पापियों के पाप धोते-धोते : यूपी कांग्रेस

यूपी कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के रिपोर्ट के मुताबिक़ कानपुर की गंगा का पानी पीना तो दूर नहाने योग्य भी नहीं बचा है। क़ई जगह तो ये पानी इतना खराब हो गया है कि फिल्टर करके भी इसे ठीक नहीं किया जा सकता। सोचिये! जिस पानी का PH लेवल 8 को भी पार कर रहा हो, वह कितना शुद्ध होगा? जबकि मज़े की बात यह है कि इस शहर में गंगा सफाई पर अभी तक लगभग 1800 करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए हैं। तो आख़िर कहां गए ये रुपये? क्योंकि गंगा तो साफ़ हुई ही नहीं। पापनाशिनी गंगा को साफ़ करने में भी ये सारे पापी पाप करने में नहीं चूके। गौ और गंगा पर राजनीति करने वाले इन निकम्मों ने इन माओं को भी नहीं बख्शा।

Dr. Bhanu Pratap Singh