gst loot

GST अधिकारी निकले लुटेरे, मथुरा के व्यापारी से 43 लाख लूटे, निलंबित, जेल क्यों नहीं भेजा?

Crime NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra/mathura, Uttar Pradesh, India. वस्तु एवं सेवाकर (GST) के अधिकारी और कर्मचारी लुटेर निकले। मथुरा के चांदी कारोबारी से 43 लाख रुपये छीने लिए। कारोबारी को धमकाया गया कि मुंह खोलने पर फर्जी मुकदमा लिखाकर जेल भेजवा देंगे। घटना के 12 दिन बाद पीड़ित कारोबारी ने एसएसपी से शिकायत की है। एसएसपी के आदेश पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। विभागीय जांच में आरोपित अधिकारी और कर्मचारियों के नाम उजागर हो गए हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

मथुरा में गोविंद नगर क्षेत्र स्थित महाविद्या कॉलोनी निवासी प्रदीप अग्रवाल की विनायक ट्रेडर्स के नाम से फर्म है। वे श्रीहरि कांप्लेक्स गुड़हाई बाजार से चांदी के गहनों का व्यापार करते हैं। 22 अप्रैल को प्रदीप अपनी गाड़ी से चालक राकेश चौहान के साथ व्यापार के संबंध में बिहार के कटिहार गए थे। वहां पर उन्होंने 44 लाख रुपये के जेवरात बेचे। वापस लौटते समय उन्होंने 43 लाख रुपये एक थैले में रख लिए थे। थैला गाड़ी में था। एक लाख रुपये उन्होंने अपने खर्चे के लिए निकाल लिए थे।

मुकदमे के अनुसार घटना 22 अप्रैल, 2021 की रात 10:15 बजे की है। प्रदीप अग्रवाल की गाड़ी लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल प्लाजा पर आई। यहां फास्ट टैग लेन से उनकी गाड़ी निकलने वाली थी। तभी वर्दी पहने एक सिपाही गाड़ी के सामने आ गया। उसने कहा कि साहब बुला रहे हैं। गाड़ी साइड से लगाकर साहब के पास चलो। पीड़ित कारोबारी के अनुसार सड़क किनारे उत्तर प्रदेश सरकार लिखी बोलेरो गाड़ी खड़ी थी। उसमें बैठे साहब ने चालक को अपने पास बैठा लिया। वहीं दूसरी तरफ सिपाही कारोबारी की गाड़ी में आकर बैठ गया। गाड़ी लेकर जीएसटी कार्यालय चलने के लिए कहा। कारोबारी अपनी गाड़ी लेकर जयपुर हाउस, आगरा स्थित जीएसटी कार्यालय आ गए। कारोबारी का आरोप है कि वहां पहुंचते ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी को खंगालना शुरू कर दिया। जिस थैले में 43 लाख रुपये रखे थे वह उनको मिल गया। नोटों का थैला अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने पास रख लिया। उनसे कहा कि हिसाब दो। यह रकम आयकर विभाग के सुपुर्द की जाएगी। इतना ही नहीं उनसे यह भी पूछने लगे कि गाड़ी में चांदी कहां रखी है।

कारोबारी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने कहा कि यह रकम चांदी बेचकर ही मिली है। नंबर एक का पैसा है। उनके पास चांदी के बिल हैं। उन्होंने कोई टैक्स चोरी नहीं की है। आरोपित अधिकारी और कर्मचारी कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। डराने धमकाने लगे। जेल भिजवाने की धमकी देने लगे। रात करीब पौने एक बजे वाणिज्यकर अधिकारी और कर्मचारियों ने कारोबारी और उनके चालक को छोड़ दिया। छोड़ने से पहले धमकी दी कि मुंह खोलने पर अच्छा नहीं होगा। मुकदमा लिख जाएगा। जेल जाना पड़ेगा।

रविकांत गर्ग की पहल पर कार्रवाई

पीड़ित कारोबारी वारदात से दहशत में आ गए। बहुत हिम्मत जुटाकर तीन दिन बाद घटना की जानकारी व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत को दी। उन्होंने कारोबारी को हिम्मत दी। कहा कि ऐसे शांत नहीं बैठेंगे। पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी देंगे। मुकदमा दर्ज कराएंगे। ऐसे तो कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा। आरोपित वाणिज्य कर के अधिकारी और कर्मचारी इसी अंदाज में कारोबारियों के साथ लूट करना शुरू कर देंगे।

एसएसपी के आदेश पर हुई रिपोर्ट

पीड़ित चांदी कारोबारी ने घटना की जानकारी आगरा के एसएसपी मुनिराज जी को दी। घटना के संबंध में मुकदमा लिखाकर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। एसएसपी ने घटना से वाणिज्यकर के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। उन्हें भी पीड़ित कारोबारी की तहरीर भेजी। एसएसपी के आदेश पर बुधवार देर रात लोहामंडी थाने में अज्ञात साहब, कर्मचारी, सिपाही और चालक के खिलाफ अमानत में खयानत, धमकी देने की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

वाणिज्यकर कमिश्नर ने किया निलंबित

वाणिज्यकर कमिश्नर मिनिस्ती एस ने गुरुवार को घटना के संबंध में एक पत्र एसएसपी आगरा को भेजा। उन्होंने पूरे प्रकरण की विभागीय जांच कराई थी। सूत्रों की मानें तो विभागीय जांच में सामने आया है कि असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी अजय कुमार, जीएसटी अधिकारी शैलेंद्र कुमार, आरक्षी संजीव कुमार और प्राइवेट गाड़ी का चालक दिनेश कुमार घटना में शामिल थे। जीएसटी अधिकार और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। अजय कुमार को मिर्जापुर और शैलेन्द्र कुमार को बांदा कार्यालय से संबद्ध किया गया है।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह द्वारा लिखित उपन्यास मेरे हसबैंड मुझको प्यार नहीं करतेखरीदने के लिए यहां क्लिक करें

https://booksclinic.com/product/mere-hasaband-mujhko-pyaar-nahi-karte/