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आगरा में गारमेंट हब बनाने पर हुआ सर्वे, यहां देखिए नतीजे

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Agra (Uttar Pradesh, India)। आगरा में गारमेन्ट हब की घोषणा के बाद जिस प्रकार उद्यमी उत्साह दिखा रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। अब शासन को अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी है। यह बात नेशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल एवं चैम्बर के विधिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के0सी0 जैन द्वारा कही गयी। 


चैम्बर द्वारा डिमाण्ड सर्वे का कार्य एक जुलाई से शुरू किया गया है और 3-4 दिन के अन्दर 164 उद्यमियों ने उद्योग की स्थापना के लिये गुगल फॉर्म भरकर अपनी तत्परता दिखायी है। इनमें से 67.1 प्रतिशत उद्यमी गारमेन्ट उद्यम लगाना चाहते हैं। शेष जूता, इन्जीनियरिंग कम्पोनेन्ट, कालीन व दरी. कृषि यंत्र आदि के उद्योग स्थापित करना चाहते हैं। 


उद्यमियों को अपना उद्योग स्थापित करने के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता है उसे लेकर सर्वे में निकलकर निम्न बात आयीः-

500 वर्गमीटर                                                                       –              11.6%

500 से 1000 वर्गमीटर                                                         –              23.2%

1000 से 2000 वर्गमीटर                                                      –              24.4%

2000 से 4000 वर्गमीटर                                                      –              23.2%

4000 से 10000 वर्गमीटर                                                    –              12.2%

10000 से 20000 वर्गमीटर एवं 20000 से अधिक               –              5.4%


सर्वे में उद्यमियों से इण्डस्ट्रियल क्लस्टर के लोकेशन की बात पूछी तो अधिकांश उद्यमियों द्वारा इनर रिंग रोड पर स्थित थीम पार्क वाले स्थल का चयन किया गया। इसके बाद जयपुर रोड स्थित लैदर पार्क का व बहुत कम लोगों ने निजी भूमि पर कलस्टर बनाने की बात कही। सर्वे के नतीजे इस प्रकार थेः-

रिंग रोड पर स्थित थीम पार्क          –              78.7%

जयपुर रोड पर स्थित लैदर पार्क     –              15.2%

निजी भूमि                                         –              6.1%


सर्वे में इस प्रश्न का उत्तर कि उद्यमी औद्योगिक भूखण्ड के लिये क्या दर दे सकते है तो 76.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने औद्योगिक भूखण्ड की दर 3000.00 तक ही होनी चाहिये कहा। 13.4 प्रतिशत ने औद्योगिक भूमि की दर 3000 से 4500 तक की दर की स्वीकृति दी। शेष 10.4 प्रतिशत ने अधिक दर देने के लिये तैयारी दिखायी।
उद्यमी कितने लोगों को रोजगार देंगे इसका उत्तर इस प्रकार आया कि 59.1 प्रतिशत उद्यमी 50 लोगों तक को रोजगार देंगे। जबकि 23.8 प्रतिशत प्रत्येक उद्यमी 50 से 100 व्यक्तियों तक को रोजगार देगा। शेष 17.1 उत्तरदाताओं ने और अधिक लोगों को रोजगार देने की बात कही। औद्योगिक क्लस्टर में क्या-क्या सुविधायें होनी चाहिये उसके जवाब में 70.7 प्रतिशत ने श्रमिकों के आवास की व्यवस्था क्लस्टर में करने को कहा।

सर्वे में उद्यमियों से यह भी पूछा गया कि क्या वे औद्योगिक भूखण्ड को खरीदना चाहेंगे या किराये पर लेना चाहेंगे। 86.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने खरीदने की बात रखी। शेष 13.4 प्रतिशत लोगों ने ही किराये पर लेने की बात कही।  


चैम्बर के डिमाण्ड सर्वे के नतीजे यह दर्शाते हैं कि बड़ी संख्या में उद्यमी गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाना चाहते हैं। वे निजी भूमि के स्थान पर सरकारी भूमि को अधिक पसन्द कर रहे हैं जिसमें उनकी पसन्द थीम पार्क इनर रिंग रोड का स्थल है। उद्यमी 3000/- रु. प्रति वर्गमीटर से अधिक औद्योगिक भूखण्ड की कीमत नहीं देने के लिये समर्थ हैं। श्रमिकों के आवास की सुविधायें नये क्लस्टर में होनी चाहिये


डिमाण्ड सर्वे से निकले नतीजों को देखते हुए चैम्बर की ओर से यह मांग रखी गयी कि औद्योगिक क्लस्टर यूपीसीडा द्वारा थीम पार्क वाली रिंग रोड की भूमि पर जल्द से जल्द बनाया जाये जहां पर 1000 एकड़ भूमि पिछले छह वर्ष से अनुपयोगी पड़ी हुयी है। बनाये जाने वाले भूखण्डों की कीमत 3000/- रू0 प्रति वर्गमीटर हो। वहां श्रमिकों के आवास की सुविधा हो और अतिरिक्त हरियाली हो। उद्यमी वहां पर गैर प्रदूषणकारी उद्योगों की स्थापना करना चाहते हैं। इस क्लस्टर में मुख्य रूप से गारमेन्ट हब होगा।