DIOS office agra

स्वामी लीलाशाह आदर्श सिन्धी इण्टर कॉलेज में नियुक्ति के लिए DIOS का कूटरचित पत्र प्रकरणः DM ने CDO को सौंपी जांच, पढ़िए पूरी कारस्तानी

Crime Education/job

Agra, Uttar Pradesh, India. मामला स्वामी लीलाशाह आदर्श सिन्धी इण्टर कॉलेज, चारबाग, शाहगंज, आगरा से संबंधित है। विद्यालय में आठ अध्यापकों की भर्ती/नियुक्ति के लिए तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव के फर्जी हस्ताक्षर से कूटरचित फर्जी अनुमति-पत्र दिनंक 18 अप्रैल 2017 तैयार किया। फिर इसे मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दायर याचिका संख्या 27555/2018 एवं याचिका संख्या 20371/ 2019 में एनेक्जर तीन के रूप में संलग्न कर दिया। इस बात का खुलासा जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा के आदेश दिनांक 2 अगस्त 2022 को जारी निर्णय के द्वारा हुआ है। इसके बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक ने कूटरचित पत्र बनाने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। जयसिंह कुशवाहा की शिकायत पर जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने सीडीओ को जांच सौंपी है।

 

ज्ञात हो याचिका संख्या 20371 /2019 में पारित अन्तरिम आदेश दिनांक 03.02.2022 के अनुपालन में जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा ने विद्यालय में भर्ती आठ अध्यापकों के बारे में सभी पक्षों को सुनवाई के बाद अपना निर्णय दिया है। इस बावत प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा मनोज कुमार ने विद्यालय के प्रबन्धक हरीश लाला द्वारा प्रेषित कूटरचित फर्जी अनुमति-पत्र दिनांक 18 अप्रैल 2017 की सत्यता एवं प्रमाणिकता की पुष्टि हेतु तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव से रिपोर्ट माँगी। इसके उत्तर में वर्तमान में डायट प्राचार्य हरचन्दपुर कलां, एटा के पद पर कार्यरत डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव ने अपने पत्र दिनांक 23 जुलाई 2022 के द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा को अवगत कराया कि अनुमति-पत्र दिनांक 18 अप्रैल 2017 उनके कार्यालय द्वारा डिस्पैच नहीं है। उक्त पत्र उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है और न उस पत्र पर उनके हस्ताक्षर हैं। संस्थाधिकारियों द्वारा फर्जी एवं कूटरचित तरीके से पत्र तैयार किया गया है।

 

शिकायतकर्ता जयसिंह कुशवाहा का आरोप है कि संस्था के प्रबन्धक हरीश लाला एवं तथाकथित चयनित अध्यापक ने सुनियोजित षड्यन्त्र के तहत यह कूटरचित फर्जी अनुमति पत्र तैयार कर मा0 उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या 27555/2018 एवं रिट याचिका संख्या 20371/2019 इन दोनों में एनेक्जर तीन में संलग्न किया गया है। इस तरह उच्च न्यायालय इलाहाबाद को गुमराह व भ्रमित कर धोखा दिया है।

 

शिकायतकर्ता जयसिंह कुशवाह ने बताया कि 24 जून से 10 अगस्त 2022 तक कई बार मय तथ्यों एवं साक्ष्यों सहित प्रदेश के उच्च न्यायालय के मा0 मुख्य न्यायाधीश तथा रजिस्ट्रार, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, शिक्षा मंत्री, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 मुख्य सचिव उ0प्र0, अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा), शिक्षा निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) उ0प्र0, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक (सतर्कता), पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आगरा, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, आगरा, जिला विद्यालय निरीक्षक, आगरा एवं थानाध्यक्ष, थाना-शाहगंज से रजिस्टर्ड डाक से शिकायती-पत्र भेज कर विद्यालय के प्रबन्धक हरीश लाला तथा अध्यापक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की माँग कर चुके हैं। अकाट्य ठोस साक्ष्य होने के उपरान्त भी शिकायती प्रत्यावेदनों पर अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।

complaint1
complaint1
complaint2
complaint2
complaint3
complaint3

 

Dr. Bhanu Pratap Singh