Mathura (Uttar Pradesh, India) । कान्हा की नगरी में कृष्ण भक्ति करने आए विदेशी भक्तों का कहना है कि लॉकडाउन अच्छा है। भक्तों का कहना है कि कृष्ण की कृपा से कोरोना हारेगा और भारत जीतेगा। कोरोना अपना असर दिखा रहा है और ऐसे में इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने की बात कही जा रही है। लेकिन श्री कृष्ण ने अपने भक्तों को इस कोरोना से लड़ने का मंत्र पहले ही दे दिया था और विदेशी कृष्ण भक्त उसका पालन कर रहे है। देशवासी जहां लॉकडाउन में बोरियत महसूस कर रहे हैं, उधर विदेशी कृष्ण भक्तों का लॉकडाउन में ढ़ोल, मझिरा, हारमोनियम आदि लेकर राधा और कृष्ण का प्रेम संपूर्ण माहौल को रसमयी बना देता है। यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी पालन करते है। यह सभी लोग झूम-झूम कर उस महामंत्र का जाप कर नाचते गाते हैं जिसकी वजह से शरीर की इम्युनिटी बढ़ जाती है।
भक्त बोले लॉकडाउन उपयोगी व फायदेमंद
श्री कृष्ण की नगरी की बात हो और वृन्दावन धाम का नाम न आए ये तो हो नहीं सकता। वृन्दावन धाम की बात ही अलग है, जहां कोरोना संक्रमण के चलते मानों दुनिया थम सी गई है। वहीं, यहां आज भी राधे-राधे का नाम गुंजायमान है। कान्हा की नगरी में विदेशी कृष्ण भक्तों और सैलानियों का आना निरंतर जारी रहता है, लेकिन होली के नजदीक विदेशी कृष्ण भक्तों की संख्या में इजाफा होता है। यह सभी लोग कृष्ण रंग को अपने जीवन में उतारने वृंदावन धाम पधारते हैं। होली पर बड़ी संख्या में विदेशी कृष्ण भक्त यहां पहुंचे लेकिन लॉकडाउन के चलते वृंदावन में ही फंसे रह गए। लेकिन इस लॉकडाउन का विदेशी कृष्ण भक्तों को कोई असर नहीं पड़ा बल्कि उल्टा यह लोग लॉक डाउन को अधिक उपयोगी व फायदेमंद बता रहे हैं। इन भक्तों का कहना है कि कृष्ण की कृपा से कोरोना इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। श्री कृष्ण की कृपा के आगे करोना कुछ नहीं है।
सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान
यह लोग दोपहर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हरी नाम संकीर्तन करते हैं संकीर्तन के बीच में यह वृंदा यानी तुलसी को अपने बीच में रखते हैं और भजन कीर्तन कर संपूर्ण वातावरण को कृष्णमई बना देते हैं। भजन कीर्तन के साथ जमीन पर दोनों पैरों से एक साथ कूदने उचकने और संगीत की धुन के बीच कई घंटों तक बहने वाली कृष्ण धारा में यह लोग जब सराबोर हो जाते हैं। उसके बाद आश्रम की महिलाएं फूलों की माला भगवान के लिए बनाती नजर आती हैं और शाम को आश्रम में होने वाली आरती में भगवान कृष्ण को समर्पित कर देती हैं ।
हरी नाम कीर्तन से काल भी भाग जाता है
विदेशी भक्तों का कहना है कि हिंदुस्तान की पुरानी वैदिक संस्कृति है वह हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है। जैसे हम कीर्तन के साथ साथ नृत्य करते हैं वह हमारे इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाती है। हमारे चैतन्य प्रभु ने सबको नृत्य करना सिखाया है। नृत्य करने से शरीर भी स्वस्थ बना रहेगा और आत्मबल बढ़ेगा जो संतुष्टि प्रदान करता है। इनका कहना है कि हम इस दुनिया में जिस स्थिति में रहेंगे उसी स्थिति में हम कभी भजन कीर्तन करेंगे। हरी नाम कीर्तन करने से विपदाएं काली भूत प्रेत सब भाग जाएंगे। कीर्तन को देखने से काल भी भाग जाता है। इसलिए मृत्यु या कोरोना का जो भय है तो आप कीर्तन कीजिये और भगवान का अमृत पुत्र बनिये। अमृत के सामने भय मृत्यु बहुत छोटी चीज है । एक तरफ पुरूष भक्तों की कृष्ण सेवा से माहौल गुंजायमान होता है तो दूसरी तरफ महिला मंडल कृष्ण व राधा की लीलाओं पर रासलीला को साकार करती नजर आता है। वह भी अपनी इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाती है।
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