प्रसूताओं की जान बचाने के लिए 2600 डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को आगरा से प्रशिक्षण

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रेनबो हॉस्पिटल से कोऑर्डिनेट हुई अंतिम वेबिनार में डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने दी अहम जानकारी

Agra (Uttar Pradesh, India)। मान्यता एक व्यापक प्रोग्राम है। सरकार के साथ मिलकर यह फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (फोग्सी) द्वारा देश भर में स्त्री एवं प्रसूति देखभाल को गुणवत्तापूर्ण बनाए जाने के उद्देश्य से चल रहा है। यह जानकारी फोग्सी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने दी।

फोग्सी का प्रयास
कोरोना संकट के बीच स्वास्थ्य सेवाएं पहले ही अधिक दबाव झेल रही हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं या महिला रोगियों के लिए समस्याएं और न बढें, इसके लिए फोग्सी हर संभव प्रयास कर रही है। मान्यता जैसे व्यापक प्रोग्राम की चेन न टूटे इसके लिए इस समय वेबिनार के जरिए पैरामेडिकल छात्रों का प्रशिक्षण पूरा किया जा रहा है। 12 वेबिनार की श्रृंखला में शनिवार को आखिरी वेबिनार आगरा में रेनबो हॉस्पिटल से को-ऑर्डिनेट की गई। मान्यता के स्टेट को-ऑर्डिनेटर डॉ. जयदीप मल्होत्रा और डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने दूर-दराज अस्पतालों में बैठे 2600 से अधिक डॉक्टरों और पैरामेडिकल छात्रों को प्रसूताओं के अचानक कोलैप्स होने और सीपीआर देने के विषय पर प्रशिक्षित किया।

अस्पतालों को दिया जाता है मान्यता प्रमाणपत्र
फोग्सी के अध्यक्ष डॉ. अल्पेश गांधी ने बताया कि आईएमआर और एमएमआर को कम करने के लिए अस्पताल में सभी जरूरी सुविधाओं, टेक्निकल स्टाफ, इमरजेंसी दवाएं, ऑक्सीजन, क्रिटिकल केयर, ऑपरेशन थियेटर, साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन जैसी सभी सुविधाओं को पूरा करने पर फोग्सी का मान्यता प्रमाणपत्र अस्पतालों को दिया जाता है। फोग्सी कीं वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. लीला व्यास ने बताया कि 12 वेबिनार की श्रृंखला को पूरा करने वाले सभी प्रशिक्षु पैरामेडिकल छात्रों को भी मान्यता सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। लाइव डेमोंस्ट्रेशन के जरिए पैरामेडिकल छात्रों को गर्भवती महिलाओं को सीपीआर किस तरह दी जानी चाहिए इसके बारे में भी विस्तार से बताया गया।

इन्होंने भी किया संबोधित
फोग्सी के वाइस प्रेसीडेंट डॉ. अतुल गनात्रा, सचिव डॉ. जयदीप टंक, सेफ मदरहुड कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति कुमार, डॉ. संगीता मेहरोत्रा, डॉ. मीता गुप्ता, डॉ. राजुल सिंह, डॉ. विद्या चौधरी आदि ने महत्वपूर्ण जानकारी दी।