बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद मथुरा के सिपाही जितेंद्र पाल को नम आंखों से श्रंद्धाजलि

बदमाशों से मुठभेड़ में शहीद मथुरा के सिपाही जितेंद्र पाल को नम आंखों से श्रंद्धाजलि

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। कानपुर में लोमहर्षक घटना का दर्द कान्हा की नगरी के हिस्से में भी आया है। मथुरा के रिफाइनरी थाना क्षेत्र के गांव बरारी निवासी तीर्थपाल सिंह के बड़े बेटे जितेंद्र पाल सिंह कानपुर के बिठूर थाने में सिपाही के पद पर तैनात थे। गुरुवार रात कानपुर में बदमाशों से हुई मुठभेड़ में जितेंद्र शहीद हो गए। शनिवार को अपने पैतृक गांव बरारी में शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भीड उमड पडी। गांव के बच्चे नौजवान बुजुर्ग महिलाएं ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए। सभी आंखों से श्रद्धांजलि दी। बरारी निवासी जितेंद्रपाल पुत्र तीरथ पाल का पार्थिव शरीर रात 1:30 बजे तिरंगे में लिपट कर पहुंचा पतो हजारों आंखों से आंसुओं निकल पडे।

आइजी, डीएम, एसएसपी, विधायक शामिल हुए

तीन भाई और एक बहन के बीच जितेंद्र सबसे बड़े थे। बेटे की शहादत पर मां रानी का रो-रोकर बुरा हाल है। बार-बार गश खाकर गिर जाती मां को परिवार के लोग पानी के छीटें मारकर होश में लाते। होश में आते ही मां फिर अपने लाल को पुकारने लगती। सुबह आठ बजे विधायक पूरन प्रकाश, कारिंदा सिंह, आइजी ए सतीश गणेश, डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर अंतिम यात्रा में शामिल हुए और पार्थिव शरीर को कांधा दिया। हजारों की भीड़ ने जब तक सूरज-चांद रहेगा, जितेंद्र तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए तो माहौल गूंज उठा। छोटे भाई सौरभ ने जितेंद्र को मुखाग्नि दी।

यह बलिदान रोल मॉडल की तरह काम करेगा

इस दौरान आईजी ए सतीश गणेश ने कहा कि सबसे पहले तो मथुरा की पावन भूमि को नमन करता हूं, अपनी तरफ से अपने कर्तव्य निर्वान्ह के दौरान जो बलिदान दिया है, वह जो युवा पुलिस, सेना, आर्मड फोर्स में आना चाहते हैं उनके लिए यह बलिदान रोल मॉडल की तरह काम करेगा। एसएसपी डॉ. गौवर ग्रोवर ने कहाकि कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान दिया है। हम उनके बलिदान को नमन करते हैं। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि परिजनों को हिम्मत दें। इस दौरान पूर्व विधायक प्रणतपाल सिंह, जिला मीडिया प्रभारी अजय परखम, एमपी सिंह, महेंद्र चौधरी विवेक चौधरी आदि भी मौजूद रहे। शहीद जितेंद्र पाल सिंह के अंतिम दर्शन को आए सपा नेता संजय लाठर की तबियत अचानक बिगड़ गई। साथ आए लोगों ने उन्हें सहारा दिया, बाद में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।

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